cy520520 • 2025-10-12 04:42:57 • views 587
आRएमएफ का कर्ज लेकर घी पी रहा पाकिस्तान बड़े दुष्चक्र में फंसा (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का कर्ज लेकर घी पी रहा पाकिस्तान ऐसे वित्तीय दुष्चक्र में फंस चुका है, जिससे उसे लंबे समय तक निजात नहीं मिलने वाली है। आइएमएफ को अपनी फंडिंग के उचित इस्तेमाल से जुड़ी समीक्षा में कई कमियां मिली हैं। उसने पाकिस्तान से 11 अरब डालर का हिसाब मांगा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके साथ ही आइएमएफ ने पाकिस्तान में सुधार गतिविधियों की धीमी प्रगति और पारदर्शिता पर भी चिंता जताई है। अफगानिस्तान के खामा प्रेस ने शनिवार को खुलासा किया है कि आइएमएफ ने पिछले दो वित्तीय वर्षों में पाकिस्तान के व्यापार आंकड़ों में 11 अरब डालर के हिसाब-किताब पर चिंता जताई है।
कितना बढ़ा आंकड़ा?
पाकिस्तान रेवेन्यू आटोमेशन लिमिटेड (पीआरएएल) द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 में बताए गए आयात के आंकड़े पाकिस्तान सिंगल विंडो के आंकड़ों से 5.1 अरब डालर कम थे और वित्त वर्ष 2024-25 में यह अंतर और बढ़कर 5.7 अरब डालर हो गया।
अफगानिस्तान की समाचार एजेंसी ने दावा किया कि पाकिस्तान के आंकड़ों की विश्वसनीयता को लेकर आइएमएफ की चिंताएं बढ़ गई हैं, जिसकी वजह से आइएमएफ ने निवेशकों का विश्वास बहाल करने के लिए सुधारात्मक उपायों और एक स्पष्ट संचार रणनीति की मांग की है।
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो इस आशंका से आंकड़ों को संशोधित करने में संकोच कर रहा है कि कहीं इससे विकास और निर्यात संख्या पर उलटा असर न दिखने लगे। हालांकि, आइएमएफ ने जोर देकर रहा है कि पारदर्शिता जरूरी है।
कितना है पाक पर कर्ज?
इसका नतीजा ये है कि पाकिस्तान का बैलेंस आफ पेमेंट संकट दीर्घकालिक हो गया है और ये देश आइएमएफ पर निर्भर हो गया है। वर्तमान में पाकिस्तान पर आइएमएफ का कर्ज पहले से ही सात अरब डालर से ज्यादा है, जबकि आधिकारिक तौर पर रिपोर्ट किया गया विदेशी कर्ज जीडीपी के 35.1 प्रतिशत के बराबर है।
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान का निर्यात जीडीपी का आठ प्रतिशत है, जबकि आयात 22 प्रतिशत से ज्यादा हो रहा है। इससे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा घाटा बेतहाशा बढ़ गया है, जिसे पाटने के लिए नए सिरे से कर्ज लेना पड़ेगा। इस तरह पाकिस्तान कर्ज के दुष्चक्र में फंसता चला जाएगा।
पाकिस्तान में शासन सुधार को भी बेहद कम सफलता मिली है। आइएमएफ के नए-नए कार्यक्रमों के बावजूद राजस्व लक्ष्य हासिल नहीं हो पा रहे हैं।जनवरी 2025 में घोषित विश्व बैंक के 20 अरब डालर के 10 वर्षीय कार्यक्रम का उद्देश्य ऊर्जा, शिक्षा और बुनियादी ढांचे को समर्थन देना है, लेकिन इसका पैमाना पाकिस्तान की वार्षिक 30 अरब डालर की ऋण-सेवा आवश्यकताओं की तुलना में अभी भी अपर्याप्त है।
पाक पर कुल 135 अरब डॉलर का कर्ज
रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान का कुल विदेशी कर्ज 2025 की दूसरी तिमाही में लगभग 135 अरब डालर तक पहुंच गया है। पाकिस्तान के ऊपर पहले से ही चीन का भी लगभग 30 अरब डॉलर का अनुमानित लोन बकाया है। सूत्रों के मुताबिक आइएमएफ ने पाकिस्तान के 2025-26 के बजट में रक्षा खर्च में 20 प्रतिशत की वृद्धि और पिछले छह महीनों में करीब 2 से 2.5 अरब डालर के अस्पष्ट खर्चों पर गहरी चिंता जताई है। |
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