हरियाणा में IGP रैंक के IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या ने सभी को हैरान कर दिया है। 7 अक्टूबर की दोपहर चंडीगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास में पूरन कुमार ने अपने प्राइवेट थिएटर के रिक्लाइनर चेयर पर बैठकर खुद को गोली मार ली। इसी कमरे से पुलिस को एक 9 पन्नों का सुसाइड नोट मिला। इसके पहले 8 पन्नों में उन्होंने 12 IAS और IPS अफसरों के नाम लिखे हैं। वहीं पूरन कुमार की आईएएस पत्नी अमनीत पी कुमार की मांग है कि पहले इस मामले में सुसाइड नोट में जिन अधिकारियों के नाम दर्ज है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हरियाणा सरकार ने लिया बड़ा एक्शन
वहीं हरियाणा सरकार ने शनिवार को रोहतक के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नरेंद्र बिजारनिया का तबादला कर दिया। यह फैसला उस घटना के कुछ दिन बाद लिया गया है, जब आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार ने चंडीगढ़ स्थित अपने घर में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। सरकार द्वारा जारी आधिकारिक आदेश के मुताबिक, आईपीएस अधिकारी सुरिंदर सिंह भोरिया को रोहतक का नया एसपी नियुक्त किया गया है। वहीं, नरेंद्र बिजारनिया की नई नियुक्ति से जुड़ा आदेश जल्द जारी किया जाएगा।
लिखा था ये \“अंतिम नोट\“
यह कार्रवाई आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार के परिवार के दबाव के बाद की गई है। परिवार ने मांग की थी कि अधिकारी द्वारा छोड़े गए ‘अंतिम नोट’ में जिन लोगों के नाम हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई हो। इस नोट में कुमार ने रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारनिया, हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर सहित आठ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उनके साथ जातिगत भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार किया। 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी, 52 वर्षीय वाई. पूरन कुमार, ने मंगलवार को चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित अपने घर में कथित तौर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।
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इन अधिकारियों पर लगाया था आरोप
अपने ‘अंतिम नोट’ में आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार ने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने लिखा, “हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया को मेरे खिलाफ भड़काया और वे मिलकर मुझे लगातार परेशान कर रहे हैं। उनके काम और लापरवाही की वजह से मेरी छवि और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया गया है।” पूरन कुमार ने आगे कहा, “मैंने डीजीपी को बिजारनिया के खिलाफ कई रिपोर्टें भेजीं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे उन्हें मुझे और अधिक अपमानित करने और अनुचित आदेश देने का साहस मिला।”
बुधवार को चंडीगढ़ पुलिस को दी गई शिकायत में आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत कुमार ने हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया के खिलाफ बीएनएस की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने और तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। कुमार के परिवार ने अब तक पोस्टमार्टम की अनुमति नहीं दी है, जबकि प्रशासन ने शनिवार को उनका शव सेक्टर 16 स्थित सरकारी मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल से पीजीआईएमईआर (पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च) भेज दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, हरियाणा सरकार कुमार के परिवार को पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार के लिए राजी करने की कोशिश कर रही है। आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार हाल ही में रोहतक के सुनारिया स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र (पीटीसी) में आईजी के पद पर तैनात थे। हाल ही में रोहतक के एक शराब ठेकेदार ने एक हेड कांस्टेबल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उसका आरोप था कि हेड कांस्टेबल ने कुमार के नाम पर उससे रिश्वत मांगी थी। रोहतक पुलिस ने रिश्वतखोरी के आरोप में हेड कांस्टेबल सुशील कुमार को गिरफ्तार किया था। वह इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। यह मामला शराब ठेकेदार की शिकायत पर दर्ज किया गया था। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि हेड कांस्टेबल ने अधिकारी के नाम पर, जब वे वहां तैनात थे, 2.5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। |
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