यूपी में कफ सीरप निर्माण में लापरवाही पर चार कंपनियों को नोटिस, जांच के दौरान पता चली ये बात
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने शुक्रवार को कफ सीरप के 81 नमूने लिए। इनमें 11 नमूने दवा निर्माण इकाइयों से लिए गए। जबकि 70 दुकानों से लिए गए हैं। जांच के दौरान लखनऊ, मथुरा, अलीगढ़, सहारनपुर की चार कंपनियों में कफ सीरप निर्माण के दौरान गुणवत्ता और साफ-सफाई में लापरवाही मिली। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कंपनियां जांच टीम को जरूरी कागजात भी नहीं दिखा पाई। एफएसडीए ने इन कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सोमवार से जारी जांच अभियान में अब तक कफ सीरप के 595 नमूने लिए जा चुके हैं।
एफएसडीए के अनुसार लखनऊ की आरपाइक फार्मास्युटिकल्स, मथुरा की एवरटच फार्मास्युटिकल्स, अलीगढ़ की गुडलक फार्मा और सहारनपुर की हैडसन फार्मास्युटिकल्स को दवा निर्माण में गुणवत्ता के मानक न पूरे करने के लिए नोटिस जारी किया गया है।
इसके अलावा केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) से प्रतिबंधित की गई गुजरात की रेडनेक्स फार्मास्युटिकल्स के रेस्पिफ्रेश और शेप फार्मा के रिलीफ कफ सीरप के भंडारण की जांच की गई। इसमें रेस्पिफ्रेश सीरप के नमूने लेते हुए उनकी बिक्री रोकने के निर्देश दिए गए हैं। शेप फार्मा की कोई भी दवा प्रदेश में नहीं पाई गई है।
हिमाचल प्रदेश की डिजिटल विजन कंपनी की कोल्ड बेस्ट, नेक्सपर फार्मा की डोलो 250 सीरप और उत्तराखंड के टूलब्रस फार्मुलेशन के बेनसेट-डी सीरप के भंडारण की जांच की गई। बीते चार साल के दौरान हुई जांच के दौरान इन कंपनियों के सीरप में इथिलीन ग्लाइकाल मिला था।
पुराने रिकार्ड के आधार पर की गई जांच में डिजिटल विजन का कोई भी सीरप प्रदेश में नहीं पाया गया है। औषधि नियंत्रक शशि मोहन के अनुसार दवा कंपनियों, दुकानों, अस्पतालों और नर्सिंग होम से भी कफ सीरप के नमूने लिए जा रहे हैं। प्रतिबंधित कंपनियों के सीरप का भंडारण कहीं नहीं मिला है। |