तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
संवाद सूत्र, मुंडेरा बाजार। सात वर्ष पूर्व बिलारी के विट्टू साहनी को विद्युत निगम में चपरासी की नौकरी दिलाने के नाम पर जालसाज ने चार लाख रुपये हड़प लिए। पूछताछ करने पर जालसाज ने फर्जी नियुक्ति पत्र दे दिया।
विभाग जाने के बाद पीड़ित को फर्जीवाड़े की जानकारी हुई। शिकायत करने पर थाने की पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। अब एडीजी जोन के निर्देश पर चौरी चौरा पुलिस ने कृष्ण मुरारी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बिलारी की तारामती साहनी ने एडीजी जोन को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि मई 2018 में एक वैवाहिक कार्यक्रम में उनकी मुलाकात शाहपुर थाना के आरोग्य मंदिर निवासी कृष्ण मुरारी से हुई थी। कृष्ण मुरारी ने खुद को उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन विभाग में प्रभावशाली बताकर उनके पुत्र विट्टू साहनी को चपरासी की नौकरी दिलाने की बात कही। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके एवज में उसने चार लाख रुपये मांगे। झांसे में आकर आरोपित को रुपये दे दिए। इसके बाद तीन जून 2018 को आरोपित ने बेटे को एक फर्जी नियुक्ति पत्र दिया, जिसे लेकर वह लखनऊ स्थित पावर कारपोरेशन कार्यालय गया, जहां पत्र को फर्जी बताकर वापस कर दिया गया।
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आरोपित के घर जाकर रुपये वापस मांगे तो उसने 1.49 लाख रुपये के दो चेक दिए, लेकिन बैंक में जमा करने पर दोनों चेक बाउंस हो गए। इसके बाद से आरोपित कृष्ण मुरारी न केवल रुपये देने से इनकार कर दिया, बल्कि बेटे को डराने-धमकाने भी लगा। थाना प्रभारी वेद प्रकाश ने बताया कि एडीजी जोन के निर्देश पर केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। |