लग्न कुंडली से जानें अपनी प्रसनैलिटी के बारे में।
आलोक भटनागर, एस्ट्रोपत्री। लग्न (Ascendant) या Rising Sign जन्म कुंडली के सबसे महत्वपूर्ण भागों में से एक है। जब कोई पेशेवर ज्योतिषी आपकी जन्म कुंडली बनाता है, तो लग्न या Ascendant ही कुंडली या जन्म पत्रिका का पहला भाव होता है। कुल मिलाकर 12 लग्न हो सकते हैं (कुंडली के भावों की संख्या के बराबर)। इसका अर्थ है कि मानव जनसंख्या को 12 लग्नों में विभाजित किया जा सकता है (बिल्कुल वैसे ही जैसे सूर्य राशियों में होता है)। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आपका लग्न -
लग्न कुंडली (lagna kundli) का पहला भाव होता है, सूर्य राशि वह होती है जहां सूर्य कुंडली में स्थित होता है (हालांकि अधिकतर लोग अपनी जन्मतिथि के आधार पर अपनी सूर्य राशि जानते हैं) और चंद्र राशि वह होती है जहां चंद्रमा स्थित होता है (इसे चंद्र लग्न या राशि भी कहा जाता है)।
लग्न और उनके स्वामी
हर लग्न (Ascendant) का एक देवस्वरूप स्वामी ग्रह होता है, जो जातक के स्वभाव, दृष्टिकोण और जीवन की दिशा को प्रेरित करते हैं। ये स्वामी ग्रह ही बताते हैं कि कौन-सी ऊर्जा जीवन को संचालित कर रही है और किस प्रकार की मानसिकता, उद्देश्य और कर्मशक्ति उस व्यक्ति के भीतर सक्रिय है। यहां बारहों लग्न और उनके आदरणीय स्वामी ग्रहों की सूची दी गई है जो आपकी कुंडली के सबसे प्रमुख प्रेरक बल होते हैं।
- मेष (Aries)– मंगल देव
- वृषभ (Taurus) – शुक्र देव
- मिथुन (Gemini) – बुध देव
- कर्क (Cancer) – चंद्र देव
- सिंह (Leo) – सूर्यदेव
- कन्या (Virgo) – बुधदेव
- तुला (Libra) – शुक्रदेव
- वृश्चिक (Scorpio) – मंगल देव
- धनु (Sagittarius) – बृहस्पति देव
- मकर (Capricorn) – शनि देव
- कुंभ (Aquarius) – शनि देव
- मीन (Pisces) – बृहस्पति देव
लग्न क्या-क्या दर्शाता है?
सामान्य रूप से लग्न निम्नलिखित बातों को दर्शा सकता है जैसे-Navratri 2025, Shardiya Navratri 2025 day 3, Shardiya Navratri 2025 3rd Day Puja, Chaitra Navratri 2025, Maa Chandraghanta Puja Vidhi, Navratri Teesra Din, Shardiya Navratri Puja Vidhi, नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि 2025 तीसरा दिन, नवरात्रि तीसरे दिन की पूजा,
शरीर, रूप-रंग, प्रसिद्धि, ज्ञान, ताकत, आयु, आत्मसम्मान, बुढ़ापा, राजनीतिक जीवन, जन्म स्थान, शांति, सपने, दुःख, आजीविका, जोखिम, कलंक, सम्मान, त्वचा, बुद्धिमत्ता,अपमान या प्रतिशोध की प्रवृत्ति, बीमारियों से मुक्ति, संन्यास की प्रवृत्ति, कार्य क्षमता, शालीनता की हानि और जातिगत बदनामी जैसे अनेक जीवन पक्षों को दर्शाता है।
सारांश -
लग्न कुंडली का एक प्रमुख स्तंभ होता है। यदि लग्न और उसका स्वामी मजबूत हो तो व्यक्ति में अपनी श्रेष्ठता को उजागर करने की क्षमता आ जाती है, और वह जीवन की किसी भी चुनौती को सहजता और संतुलन के साथ पार कर सकता है। इसलिए हर व्यक्ति को अपने लग्न को जानना चाहिए और ऐसे सभी प्रयास करने चाहिए जो लग्न और उसके स्वामी को मजबूत बनाते हों।
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लेखक: आलोक भटनागर, Astropatri.com अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए hello@astropatri.com पर संपर्क करें। |