मुरादाबाद का समाजवादी पार्टी कार्यालय। फाइल
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। सिविल लाइंस क्षेत्र के चक्कर की मिलक स्थित सपा कार्यालय को लेकर प्रशासन लगातार दबाव बना रहा है। छह अक्टूबर को प्रशासन की टीम कार्यालय खाली कराने के लिए पहुंची थी, लेकिन सपा संरक्षक स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि 10 अक्टूबर होने के कारण मोहलत दे दी गई। हालांकि, 10 अक्टूबर के बाद किसी भी दिन प्रशासन की टीम कार्यालय खाली कराने के लिए दोबारा आ सकती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मुलायम सिंह की पुण्यतिथि तक मोहलत, तनाव में सपा नेता
बुधवार को रामपुर आजम खां से मुलाकात करने आए सपा मुखिया को सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव ने सारी हकीकत से अवगत करा दिया। साथ ही एक पत्र भी उन्हें सौंपा है। जिलाध्यक्ष ने मुखिया को कार्यालय में चल रही स्थितियों, प्रशासन के लगातार दबाव और नोटिसों की जानकारी विस्तार से सुनाई। सपा मुखिया ने मामले को गंभीरता से सुनने के बाद आश्वस्त किया कि वे इस मामले को व्यक्तिगत तौर पर देखेंगे और नेताओं को उचित मार्गदर्शन उपलब्ध कराएंगे।
कोठी नंबर-चार
सपा सरकार के दौरान 250 रुपये किराया पर मुलायम सिंह यादव के नाम आवंटित हुई थी। बाद में प्रशासन ने किराया बढ़ाकर 900 रुपये कर दिया। इसके बाद भी प्रशासन लगातार कार्यालय को खाली कराने के लिए नोटिस जारी करता रहा। अंतिम नोटिस की अवधि समाप्त होने के बाद छह अक्टूबर को प्रशासन की टीम पहुंची। हालांकि, सपा नेताओं और जिलाध्यक्ष के अनुरोध पर उन्हें पुण्यतिथि तक मोहलत दे दी गई।
प्रशासन लगातार बना रहा दबाव
सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव ने बताया कि प्रशासन द्वारा लगातार कार्यालय खाली कराने का दबाव बनाए रखना पार्टी के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि यह केवल प्रशासनिक कार्रवाई नहीं, बल्कि राजनीतिक दबाव की कोशिश भी नजर आ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी की सक्रियता और संरक्षक की स्मृति के प्रति सम्मान को देखते हुए उन्होंने मुखिया को पूरी स्थिति से अवगत कराया। सपा कार्यालय की स्थिति और प्रशासन की कार्रवाई पर स्थानीय नेताओं में भी चिंता व्याप्त है। कार्यालय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री के नाम पंजीकृत होने के कारण इसका राजनीतिक महत्व भी अधिक है।
मोहलत हो रही समाप्त
जिलाध्यक्ष ने मुखिया को बताया कि यदि मोहलत समाप्त होने के बाद प्रशासन की टीम कार्यालय खाली कराने के लिए पहुंच सकती है। सपा मुखिया ने जिलाध्यक्ष से बात करने के बाद आश्वस्त किया कि पार्टी की स्थिति और नेताओं की चिंता को देखते हुए वे इस मामले को व्यक्तिगत रूप से मॉनिटर करेंगे और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। इस तरह सपा कार्यालय को लेकर यह गतिरोध राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
प्रशासन और पार्टी के बीच इस मामले में संतुलन बनाना चुनौतीपूर्ण होगा, क्योंकि कार्यालय का राजनीतिक महत्व है। सपा जिलाध्यक्ष ने अधिकारियों के लगातार दबाव के बावजूद पार्टी के हितों और संरक्षक की स्मृति का ख्याल रखते हुए मुखिया को पूरे मामले से अवगत कराया। अब पार्टी नेताओं की नजर 10 अक्टूबर के बाद प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी है। |