LHC0088 • 2025-10-9 07:06:42 • views 541
देश भर में फुटपाथों का होगा सुरक्षा ऑडिट
माला दीक्षित, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पैदल यात्रियों की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए उनकी सुरक्षा सुनिश्चति करने के लिए विस्तृत आदेश दिए हैं। शीर्ष अदालत ने दिल्ली, मुंबई, वाराणसी, लखनऊ, कानपुर सहित देश भर के दस लाख से ज्यादा आबादी वाले 50 शहरों में फुटपाथों का सुरक्षा आडिट करने और सुरक्षित पैदल पथ पार बनाने के आदेश दिये हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके साथ ही कोर्ट ने सड़क पर मनमाने ढंग से गाड़ी चलाने और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों की भी लगाम कसी है। सर्वोच्च अदालत ने बिना हेलमेट, हाईबीम, नीली-लाल झिलमिलाती बत्ती और गलत लेन में गाड़ी चलाने वालों पर सख्ती से कार्रवाई करने और इस पर रोक लगाने का आदेश दिया है। नियमों के उल्लंघन पर क्या कार्रवाई की गई और कितना जुर्माना वसूला गया इसका ब्योरा कोर्ट को दिया जाएगा।
पैदल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश
ये आदेश न्यायमूर्ति जेबी पार्डीवाला और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने सड़क सुरक्षा के मामले में एस. राजसीकरण की जनहित याचिका पर दिए हैं। कोर्ट ने सात अक्टूबर को सड़कों को सुरक्षित बनाने और पैदल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ प्रभावी शिकायत तंत्र विकसित करने और उसकी नियमित निगरानी के निर्देश दिये हैं। आदेश 41 पृष्ठ का है।
कोर्ट ने सड़क दुर्घटनाओं के बारे में भारत सरकार के जारी ताजा आंकड़े देखते हुए ये आदेश दिये। आंकड़े बताते हैं कि 2023 में सड़क दुर्घटनाओं में 35000 पैदल यात्रियों को मृत्यु हुई जबकि सड़क दुर्घटना में मरने वाले दोपहिया चालकों में से 54000 की मौत हेलमेट न पहने के कारण हुई। कोर्ट ने मुख्यत: पांच बिंदुओं पर आदेश जारी किये हैं और उम्मीद जताई है कि इन आदेशों का पालन करने से सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी।
10 लाख से ज्यादा आबादी बाले 50 शहरों के फुटपातों के ऑडिट का आदेश
कोर्ट ने न्यायमित्र वरिष्ठ वकील गौरव अग्रवाल के सुझाव और सरकार की 2023 की रिपोर्ट देखी। पैदल यात्रियों की सुरक्षा पर कोर्ट का सबसे ज्यादा ध्यान रहा। इसके लिए कोर्ट ने देश भर में 10 लाख से ज्यादा आबादी बाले 50 शहरों के फुटपाथों का आडिट करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सड़क की संबंधित अथारिटी और एचएआइ (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ) को आदेश दिया है कि वे फुटपाथों का ऑडिट शुरू करें। ये आडिट ज्यादा भीड़भाड़ वाले स्थानों जैसे बाजार, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, धार्मिक संस्था और शैक्षणिक संस्थाओं आदि के पास जहां पैदल आने जाने वालों की ज्यादा भीड़ होती है वहां से शुरू किया जाए।
फुटपाथ का आडिट करते समय अथारिटी उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दें जहां ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं। कहा है कि पिछले 2-3 सालों में पैदल यात्रियों की दुर्घटनाओं में हुई मौत और चोटों के आंकड़े देखते हुए ऐसे 15-20 स्पाट चिन्हित किये जाएं और आडिट में उन्हें प्राथमिकता दी जाए। आडिट में फुटपाथों की कमियों को चिन्हित करके उन्हें दूर किया जाएगा। मरम्मत और रोड इंजीनियरिंग सुधारने, सुविधा बढ़ाने का ध्यान रखा जाएगा। इतना ही नहीं तय समय में खामियों को दूर किया जाएगा।
पैदल पथ पार के आडिट पर विशेष ध्यान दिया जाएगा
कोर्ट ने आदेश में कहा है कि पैदल पथ पार के आडिट पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और जहां तक संभव हो आइआरसी (इंडियन रोड्स कांग्रेस) की गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। ये आडिट भी भीडभाड़ वाले इलाकों से शुरू किया जाए। कोर्ट ने फुटपाथों से अतिक्रमण हटाने और लगातार अतिक्रमण की निगरानी करने का आदेश दिया है ताकि फुटपाथ पैदल यात्रियों के आने जाने के लिए खाली रहें।
फुटपाथ अतिक्रमण के जो क्रानिक स्पाट हैं उनकी लगातार निगरानी की जाए इसके लिए आटोमेटेड कैमरे लगाए जा सकते हैं। कोर्ट ने फुटपाथ अतिक्रमण की शिकायत का तंत्र बनाने और उन शिकायतों के निवारण की नियमित निगरानी करने के आदेश दिये हैं। कहा है कि डिस्टि्रक रोड सेफ्टी कमेटी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। आदेश में कोर्ट ने नोट किया है कि कई जगह फुट ओबर ब्रिज व भूमिगत पैदल पथ पार होने पर भी लोग उसका उपयोग नहीं करते।
गलत लेन में गाड़ी चलाने वालों पर कोर्ट सख्ती
कोर्ट ने इस बारे में जागरुकता लाने और वहां की कमियां दूर करने को कहा है। आदेश में कहा गया है कि रोड डिवाइडर ऐसे लगाए जाएं कि पैदल यात्री पैदल पार करने के लिए चिन्हित क्रॉसिंग के अलावा कहीं और से सड़क पार न करें। गलत लेन में गाड़ी चलाने, वाहनों में तेज सफेद लाइट और अवैध रूप से नीली-लाल बत्ती और हूटर लगा कर चलने वालों पर भी कोर्ट की निगाह टेढ़ी है।
कोर्ट ने आदेश दिया है कि परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस, और स्थानीय निकाय अनुशासित ड्राइ¨वग सुनिश्चित करेंगी। इस पर भी आटोमेटेड कैमरा से निगाह रखी जाएगी। जुर्माना लगाया जाएगा, संबंधित अथारिटी बसों, साइकिल आदि की रंगीन मार्क से लेन चिन्हित करेंगी। लेन ड्राइविंग का उल्लंघन करने का रियल टाइम डैशबोर्ड बनाया जा सकता है ताकि लोगों में जागरुकता आए और अनुपालन बढ़ने के साथ संपूर्ण सड़क सुरक्षा सुनिश्चित हो।
कोर्ट ने सफेद तेज लाइट की गाडियों, अवैध रूप से नीली-लाल झिलमिलाती बत्ती व हूटर पर पूरी तरह रोक लगाने के आदेश दिये हैं। कहा है कि वाहनों का प्रदूषण प्रमाणपत्र जारी करते समय और फिटनेस के समय कार्रवाई की जा सकती है।
सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए पांच बिंदुओं पर आदेश
- फुटपाथ पर चलने वाले पैदल यात्रियों की सुरक्षा
- सड़क पर बने पैदल पार पथों को सुरक्षित बनाना
- हेलमेट पहनना जरूरी
- गलत लेन में गाड़ी चलाना और असुरक्षित ओवरटेकिंग पर रोकना
- गाड़ी में तेज सफेद लाइट का प्रयोग रोकना और नीली-लाल झिलमिलाती बत्ती व हूटर पर रोक
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