प्रतिबंधित काजल की लकड़ी के 597 गुटकों के साथ दो धरे. Jagran
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी । उत्तराखंड के उत्तरकाशी में डुंडा चौकी पुलिस ने प्रतिबंधित काजल की लकड़ी की तस्करी के आरोप में यूटिलिटी चालक सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस को उनके पास से काजल की लकड़ी के 597 गुटके बरामद हुए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बौद्ध धर्म में है मान्यता
उच्च हिमालय के आरक्षित वन क्षेत्र में पाई जाने वाली काजल की लकड़ी के बारे में कहा जाता है कि विशेष रूप से बौद्ध धर्म में इस लकड़ी के बने बाउल की औषधीय व आध्यात्मिक मान्यता है। इस लकड़ी के बने बाउल में खाने व पेय पदार्थ पीने से आध्यात्मिक शक्ति के जागृत होने की बात कही जाती है। यही वजह है कि भारत, चीन, तिब्बत व नेपाल आदि देशों में इस लकड़ी को तस्करी कर ऊंची कीमत पर बेचा जाता है।
दो लोग गिरफ्तार
मामले में अग्रिम विधिक कार्यवाही के लिए दोनों अभियुक्तों को पुलिस ने प्रतिबंधित लकड़ी के साथ वन विभाग को सौंपा दिया। इनमें से एक आरोपित नेपाल का निवासी है, जो हाल में देहरादून में रहता है। पुलिस उपाधीक्षक जनक सिंह पंवार ने बताया कि पुलिस अधीक्षक सरिता डोभाल के निर्देश पर जनपद के सभी थाने व चौकी प्रभारियों को संदिग्ध वाहनों की चेकिंग के निर्देश दिए गए थे।
इसी क्रम में डुंडा चौकी प्रभारी प्रकाश राणा के नेतृत्व में पुलिस टीम बुधवार को डुंडा बैरियर पर वाहनों की चेकिंग कर रही थी। सुबह करीब साढ़े छह बजे एक यूटिलिटी वाहन की चेकिंग की गई तो उसमें काजल की लकड़ी के 597 नग बरामद हुए। इस पर पुलिस ने वाहन में सवार गोपाल बोहरा निवासी ग्राम डोली महाकाली नेपाल, हाल निवासी मोजांग, त्यूणी, देहरादून और चालक विजय निवासी नाल्ड गंगोरी, भटवाड़ी उत्तरकाशी को गिरफ्तार कर लिया।
गोपाल ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह अगोड़ा क्षेत्र के जंगलों से एकत्रित कर यह लकड़ी सहरानपुर ले जाने की फिराक में था। बरामद काजल की लड़की की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 60 से 70 लाख रुपये तक आंकी गई है। आरोपितों को पकड़ने वाली पुलिस टीम में चौकी प्रभारी एसआइ प्रकाश राणा के साथ ही कांस्टेबल राजेंद्र गोस्वामी, अनिल नौटियाल व पीआरडी जवान कृति शामिल रहे। |