अमेरिका की कंपनियों ने श्रीनिवासन गोपालन और राहुल गोयल को सीईओ नियुक्त किया है।
नई दिल्ली| अमेरिका में इस समय एच-1बी वीजा (H-1B Visa) नियमों को लेकर माहौल सख्त है। ऐसे समय में दो बड़ी अमेरिकी कंपनियों ने भारतीय मूल के दिग्गजों को अपनी कमान सौंपी है। टेलीकॉम कंपनी टी-मोबाइल ने श्रीनिवासन गोपालन को नया सीईओ बनाया है, वहीं बीयर बनाने वाली मशहूर कंपनी मोल्सन कूर्स ने राहुल गोयल को अगला सीईओ नियुक्त किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
टी-मोबाइल के नए सीईओ श्रीनिवासन गोपालन हैं कौन?
टी-मोबाइल ने ऐलान किया है कि 1 नवंबर से श्रीनिवासन गोपालन मौजूदा सीईओ माइक सीवर्ट की जगह लेंगे। यह बदलाव ऐसे वक्त में हो रहा है, जब अमेरिका का वायरलेस मार्केट काफी टफ हो गया है। ग्राहक कम खर्च करना चाहते हैं और कंपनियों पर दबाव बढ़ रहा है।
गोपालन इस समय कंपनी के सीओओ (COO) हैं। इससे पहले वे भारती एयरटेल, वोडाफोन और कैपिटल वन जैसी कंपनियों में भी बड़ी जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। जर्मनी में डॉयचे टेलीकॉम के सीईओ रहते हुए उन्होंने कंपनी की ग्रोथ रेट दोगुनी कर दी थी।
उन्होंने लिंक्डइन पर लिखा कि,
“यह टीम की सफलता मेरे मेंटर माइक सीवर्ट के शानदार नेतृत्व का नतीजा है। मैं उनके भरोसे के लिए आभारी हूं और ग्राहकों के लिए वायरलेस की दुनिया में नए बदलाव लाने को उत्साहित हूं।“
यह भी पढ़ें- \“विनाशकारी फैसला\“, ट्रंप पर फायर हो गए अमेरिकी सांसद और नेता; H-1B वीजा पर 88 लाख की फीस को बता दिया \“खतरनाक\“new-delhi-city-local,east delhi cirme ,east delhi crime,ihbas hospital delhi,newborn death,medical negligence,human rights commission,east delhi,delhi hospital incident,mental health,hospital negligence,crime news,Delhi news
मोल्सन कूर्स के नई सीईओ राहुल गोयल कौन हैं?
बीयर बनाने वाली कंपनी मोल्सन कूर्स ने राहुल गोयल को नया सीईओ नियुक्त किया है। वे गेविन हैटर्सली की जगह लेंगे, जो इस साल रिटायर हो रहे हैं। राहुल गोयल मूल रूप से भारत के हैं। उन्होंने मैसूर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर बिजनेस स्टडीज के लिए अमेरिका चले गए।
वे लंबे समय से कंपनी के साथ जुड़े हैं और अमेरिका, ब्रिटेन और भारत में अलग-अलग जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। सीईओ बनाए जाने पर राहुल गोयल ने कहा कि,
“इतिहास से भरी इस कंपनी का हिस्सा बनना मेरे लिए सम्मान की बात है। हमारी टीम और ब्रांड्स मिलकर आने वाली चुनौतियों का सामना जरूर करेंगे।“
एच-1बी वीजा नियमों के बीच बड़ा कदम
इन दोनों नियुक्तियों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने नया आदेश जारी किया है। अब नए एच-1बी वीजा आवेदन पर 1 लाख डॉलर की अतिरिक्त फीस देनी होगी। यह नियम फिलहाल एक साल के लिए लागू है।
भारतीय आईटी कंपनियों के लिए यह बड़ी चुनौती है, क्योंकि हर साल लगभग 70% एच-1बी वीजा भारतीयों को मिलता है। हालांकि, पिछले कुछ सालों में इन कंपनियों ने स्थानीय भर्ती और ऑफशोरिंग बढ़ाकर वीजा पर निर्भरता कम की है। |