टिकट की टिक-टिक: टिकट के इंतजार में दावेदार बेचैन, राजनीतिक सरगर्मियां चरम पर
संवाद सूत्र, त्रिवेणीगंज (सुपौल)। बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025) की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। त्रिवेणीगंज विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मियां चरम पर हैं, लेकिन अब तक किसी भी दल ने अपने प्रत्याशी की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
विशेषकर महागठबंधन की ओर से यह सीट राजद के खाते में तय मानी जा रही है, परंतु प्रत्याशी को लेकर स्थिति अभी भी पूरी तरह साफ नहीं हो पाई है। पिछले विधानसभा चुनाव में पराजित हुए राजद प्रत्याशी संतोष सरदार इस बार खुद को सबसे प्रबल दावेदार मानते हुए चुनावी मैदान में सक्रिय हैं।
वहीं, राजद से टिकट के लिए राजद महिला प्रकोष्ठ के प्रखंड अध्यक्ष डॉ. कल्पना कुमारी भी दावेदारी कर रही हैं और पटना में पार्टी नेतृत्व के संपर्क में हैं। दूसरी ओर, जनता दल यूनाइटेड से वर्तमान विधायक अपनी उम्मीदवारी को लेकर आश्वस्त नजर आ रही हैं और लगातार क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान चला रही हैं।
हालांकि, जदयू में भी प्रखंड उपाध्यक्ष सह जिप सदस्य सोनम सरदार और जदयू नेत्री पूनम पासवान टिकट की दौड़ में हैं और पार्टी नेतृत्व के दरबार में अपनी हाजिरी दर्ज करा चुकी हैं। इसके साथ ही लोक जनशक्ति पार्टी के नेता भी इस सीट पर नजर गड़ाए हुए और पार्टी आलाकमान से संपर्क में है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यहां मुख्य मुकाबले में एनडीए और महागठबंधन ही होंगे। चाहे दोनों दल से प्रत्याशी कोई भी क्यों नहीं हो, लेकिन जब तक सभी दल अपने-अपने प्रत्याशियों की औपचारिक घोषणा नहीं करते, तब तक कुछ भी तय कहना जल्दबाजी होगी।
इधर, जन सुराज की ओर से भी इस सीट पर तैयारी जोरों पर है। संभावित उम्मीदवारों की सूची पार्टी आलाकमान को भेज दी गई है और टिकट को लेकर अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा की जा रही है। फिलहाल महागठबंधन और एनडीए दोनों ही खेमों में प्रत्याशी चयन को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है।
त्रिवेणीगंज के चौक-चौराहों, चाय दुकानों और सामाजिक आयोजनों में सीट को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। आमजन में यह सवाल सबसे ज्यादा पूछा जा रहा है कि आखिर इस बार कौन मारेगा बाज़ी, क्या जदयू इस बार जीत की हैट्रिक लगाएगा या राजद करीब दो दशक बाद इस सीट पर वापसी कर पाएगा। हर दल मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए रणनीति बनाने में जुटा हुआ है। जैसे-जैसे नामांकन की तारीखें नजदीक आएंगी, राजनीतिक तस्वीर और भी स्पष्ट होगी।
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