मांझी ने पढ़ी कृष्ण की चेतावनी, कहा 15 सीट
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के चुनावी महासमर शुरू होने से पहले \“\“कृष्ण की चेतावनी\“\“ गूंजने लगी है। केंद्रीय मंत्री एवं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संस्थापक जीतन राम मांझी ने रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता \“\“रश्मिरथी\“\“ से कृष्ण की चेतावनी वाले हिस्से की पंक्तियां शेयर करते हुए एनडीए से 15 सीटों की मांग दोहराई है। मांझी के इस पोस्ट में आग्रह और चेतावनी दोनों है। इसके साथ ही चिराग पासवान से कम से कम आधी सीटें पाने का हठ भी छिपा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मांझी ने बुधवार को अपने एक्स अकाउंट पर लिखा-\“\“हो न्याय अगर तो आधा दो, यदि उसमें भी कोई बाधा हो, तो दे दो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम, हम वही खुशी से खाएंगे, परिजन पे असि न उठाएंगे।\“\“ इस कवितानुमा पोस्ट में 15 ग्राम को विधानसभा की 15 सीटों से जोड़कर देखा जा रहा है। यूं भी वास्तविक कविता में यहां पांच ग्राम का जिक्र है। मांझी ने अपनी बात रखने के लिए पांच को 15 कर दिया है।
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, पोस्ट की पहली लाइन \“\“हो न्याय अगर तो आधा दो\“\“ को चिराग और हम को मिलने वाली सीटों के अंतर से जोड़कर देखने की जरूरत है। माना जा रहा है कि चिराग अपनी पार्टी के लिए कम से कम 25-30 सीटें मांग रहे हैं। मांझी चिराग को मिलने वाली सीटों की तुलना में आधी सीटों पर हक जता रहे हैं।
मांझी इसके पहले भी अपनी पार्टी के लिए कम से कम 15 सीटों की मांग रख चुके हैं।उनके पोस्ट की आखिरी दो पंक्तियां मनमाफिक सीटें न मिलने पर विद्रोह की चेतावनी भी दे रहे हैं। मांझी ने इशारों में लिखा है कि अगर उन्हें 15 सीटें मिल जाती हैं तो वह खुशी से रहेंगे और अपने परिजनों यानी एनडीए के साथियों के विरुद्ध हथियार नहीं उठाएंगे। |