शहजादी गिल ने घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं की मदद की और बारिश प्रभावितों के लिए शिविर लगाए।
अंचल सिंह, जागरण, जम्मू। इंसान ठान ले तो नामुमकिन कुछ भी नहीं। कुछ करने की ललक जब बेचैनी में बदल जाए तो फिर रास्ते हमवार होते चले जाते हैं। कदम ऊंचाइयां छूने लगते हैं। दूसरों का हित अपना बन जाता है और जिंदगी में सुकून आने लगता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह मानना है कि जम्मू की क्रिश्चियन कालोनी की रहने वाली शहजादी गिल का। बचपन से दिल में पनपते समाज सेवा के भाव और परिश्रम के चलते आज वह गरीब व जरूरतमंद लोगों के दिलों में राज कर रही हैं। सैकड़ों लोगों की दिलो-जान से सेवा कर चुकी है शहजादी जमीन से जुड़ी हुई हैं।
उन्हें भरसक प्रयासों और लोगों के प्रति कुछ कर गुजरने की लालसा के फलस्वरूप ही आज वह नेशनल ह्यूमन राइट्स, सोशल जस्टिस कौंसिल आफ इंडिया की राष्ट्रीय प्रधान हैं। शहजादी जीवन में कुछ विशेष करने की चाहत के साथ विपरीत परिस्थिति में रहकर भी जरूरतमंद लोगों के जीवन संवारने का हर संभव प्रयास करती रही।
यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर विधानसभा का चौथा सत्र उमर सरकार के लिए चुनौती; बाढ़, भूस्खलन, हाइवे बंद से हुए नुकसान पर घेरेगा विपक्ष
सरकारी योजनाओं से भी करती हैं जागरूक
जिससे कि अशिक्षित और असहाय लोगों का कल्याण हो सके। हालांकि शुरुआत के दिनों में इस कार्य में सामाजिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद भी अपने कार्य में निरंतर लगी रही। वह लोगों को सरकारी योजनाओं के प्रति जागरुक करने के साथ उनकी हरेक तरीके से मदद करती रहती हैं।
दर्जनों महिलाओं के घरेलू हिंसा के चलते टूटने की कगार पर पहुंचे परिवारों को बचाया है। इतना ही नहीं वे महिलाओं के लिए सिलाई सेंटर खोलने में मदद करने के साथ गरीब लोगों की विभिन्न जरूरत की चीजों को पहुंचा कर भी मदद करती हैं।
बारिश प्रभावितों के लिए लगाए शिविर
पिछले महीने जम्मू के विभिन्न इलाकों में आफत की बारिश के प्रभावितों के लिए भी उन्होंने विभिन्न स्थानों पर शिविर लगाए। पीड़ितों को कपड़े, कंबल, कापियां, पेन, पैंसिल, खाने-पीने का सामान बांटा।
new-delhi-city-crime, husbands condition critical,Elderly womans body found,Jamia Nagar house,Husbands condition critical,Decomposed body Jamia Nagar,Delhi crime news,Queen Apartment Jamia Nagar,Siraj Khan,Aftab Jahan,Mental health,South Delhi crime,Delhi news
गिल बताती हैं कि वह सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में लोगों को शिविर लगाकर जागरुक करती हैं। उनके साथ दर्जनों कार्यकर्ता जुड़े हुए हैं।
शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिविर लगाए जाते हैं। महिलाओं को उनके अधिकार के प्रति जागरूक करती हैं। अब तक सैकड़ों महिलाओं को उन्हें कानूनी ज्ञान देने के साथ हजारों लोगों को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दिला चुकी हैं। वह जीवन के अंतिम पल तक लोगों की सेवा करना चाहती हैं।
यह भी पढ़ें- जम्मू में कुत्तों के आतंक के खिलाफ नगर निगम की कार्रवाई, एबीसी प्रोग्राम के तहत रोजाना 40 कुत्तों की होगी नसबंदी
33 वर्षों से कर रही सेवा
56 वर्षीय शहजादी पिछले 35 वर्षों से जनसेवा में जुटी हुई हैं। उनके पिता सीमा सुरक्षा बल में जवान थे। छठी कक्षा में ही उनकी पढ़ाई छूट गई और 13 वर्ष की आयु में उनकी शादी कर दी गई। उसके बाद उन्हें बच्चे हो गए लेकिन कुछ करने की ललक हमेशा बनी रही।
उन्होंने शादी के बाद भी पढ़ाई जारी रखी। वर्ष 2009 में दसवीं और 2013 में बारहवीं की। वर्ष 1993 में जब उनकी नगरपालिका में सरकारी नौकरी लग गई तब उन्होंने राहत की सांस ली क्योंकि अब आमदनी शुरू हो गई थी। इसके बाद वे अपने वेतन में से लोगों की मदद करती रहीं। पूरे परिवार को उन्हें हमेशा सहयोग मिलता रहा।
दर्जनों स्वयं सेवी किए तैयार
शहजादी ने जन सेवा के भाव के चलते जेएंडके स्पोर्ट एंड कल्चर सोसायटी बनाई। इसके बाद वह 18 साल तक ह्यूमन राइट्स, सोशल जस्टिस कौंसिल आफ इंडिया में रहीं। उन्हें पहले अखिल भारतीय महासचिव बनाया गया। करीब तीन माह पहले उन्हें ह्यूमन राइट्स का राष्ट्रीय प्रधान बनाया गया। इसके अलावा वह समाज सुधार एनजीओ की प्रधान भी रहीं।
यह भी पढ़ें- DyCM Choudhary ने केंद्र पर साधा निशाना, बोले- \“हमें आजादी दीजिए, फिर देखिए जम्मू-कश्मीर को हम कहां ले जाते हैं\“
उन्होंने सैकड़ों बच्चियों को स्कालरशिप दिलाई तो कई सिलाई सेंटर खुलवा कर बच्चियों को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया। मौजूदा समय में भी उनके साथ दो सौ से ज्यादा स्वयं सेवी जुड़े हुए हैं जो प्रदेश में जगह-जगह शिविर लगाकर लोगाें की सेवा करते हैं। |