वंचित तदर्थ शिक्षकों ने नियमितीकरण की मांग तेज की।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के सहायता प्राप्त अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत करीब 2300 तदर्थ शिक्षक पिछले छह माह से वेतन न मिलने से आर्थिक संकट झेल रहे हैं। इन शिक्षकों ने अब नियमितीकरण की मांग तेज कर दी है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) ने इस पर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप की मांग की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
संघ के प्रादेशिक अध्यक्ष डा. जितेंद्र सिंह पटेल और प्रवक्ता ओम प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि 30 दिसंबर 2000 से पहले नियुक्त सभी तदर्थ शिक्षक विधि सम्मत नियुक्ति प्रक्रिया से आए थे। 28 से 30 वर्षों तक शिक्षा सेवा में योगदान दे चुके हैं।
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ऐसे में उन्हें सेवा से हटाना न केवल नियमों के विपरीत है बल्कि मानवीय संवेदनाओं के खिलाफ भी है। शिक्षक नेताओं ने आरोप लगाया कि विभागीय अधिकारी सरकार को गुमराह कर शिक्षकों का उत्पीड़न कर रहे हैं।
जब सरकार रोजगार सृजन और मेले आयोजित कर रही है तो अनुभवी शिक्षकों को हटाने की बात करना सरकार की छवि खराब करने जैसा है।
संघ ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वर्ष 2000 तक नियुक्त तदर्थ शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा सेवा आयोग अधिनियम की धारा 33-छ के तहत नियमित किया जाए। उनका रोका गया वेतन तुरंत जारी किया जाए। इससे प्रदेश में वर्षों से लंबित तदर्थवाद की समस्या समाप्त हो सकेगी। |