अस्पताल में मरीजों व उनके स्वजन से चर्चा करते सीएम डॉ. मोहन यादव।
डिजिटल डेस्क, इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के भागीरथपुरा में दूषित पानी का सेवन करने से तीन और मौतें बुधवार को हुईं। मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 11 हो गया है। क्षेत्र में अब भी 1100 से ज्यादा लोग बीमार हैं, जिनमें 120 से अधिक मरीज विभिन्न अस्पतालों में भर्ती होकर उपचार करा रहे हैं। इनमें कई की हालत नाजुक बताई जा रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मामले की गंभीरता को देखते हुए बुधवार को दो जनहित याचिकाएं मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर पीठ में दायर की गईं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शासन को पीड़ितों का निश्शुल्क उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए स्टेटस रिपोर्ट तलब कर ली है। इस मामले में नगर निगम के दो अधिकारियों को निलंबित करने के अलावा एक अधिकारी को बर्खास्त कर दिया गया है।
जिम्मेदारों ने नहीं दिया ध्यान
बता दें कि शहर के भागीरथपुरा में लोग कई दिनों से दूषित पानी की शिकायत कर रहे थे, लेकिन जिम्मेदारों ने समय रहते ध्यान नहीं दिया। 26 दिसंबर से मौतों का सिलसिला शुरू हो गया था। सोमवार को 100 से अधिक लोग बीमार पड़े, जिसके बाद मंगलवार तक मृतकों की संख्या आठ हो गई थी।
यह तथ्य भी सामने आया है कि पानी की फूटी सप्लाई लाइन में सीवर मिलने से यह स्थिति पैदा हुई। इधर, बुधवार शाम मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव इंदौर पहुंचे और विभिन्न अस्पतालों में भर्ती पीड़ितों व उनके स्वजन से मुलाकात की।
दोषियों को बख्शेंगे नहीं : विजयवर्गीय
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इस वक्त पूरा ध्यान पीड़ितों के उपचार पर है। मुख्यमंत्री ने जांच समिति गठित की है। इसकी रिपोर्ट आने दीजिए इसके बाद आगे कार्रवाई करेंगे। दोषी चाहे जो भी हो, बख्शे नहीं जाएंगे। हमने पूरे प्रदेश में निर्देश दिए हैं कि जहां से भी गंदे पानी की सूचना मिले, वहां तुरंत सुधार का काम करें।
दूध में मिला दूषित पानी भी बना जहर, छह माह के बच्चे की मौत
बुधवार को मृतकों में छह माह का अव्यान साहू भी शामिल है। दूध में दूषित पानी मिलाने से वह जहर बन गया। इसी दूध का सेवन करने से अव्यान की हालत बिगड़ी।
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सियासत तेज : नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का सीएम को पत्र
दूषित पानी से हुई मौतों को लेकर राजनीति भी गरमा गई है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच, दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई, पीड़ितों को समुचित इलाज और मुआवजे की मांग की। उन्होंने कहा कि जनता की सेहत से समझौता स्वीकार्य नहीं है और सरकार को घोषणाओं से आगे बढ़कर जमीनी कार्रवाई करनी होगी। |