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Gold Silver Crash: सोना हाई लेवल से ₹6000 सस्ता, चांदी में पहली बार ₹31500 की भारी गिरावट; आज भी गिरेंगे दाम? 5 कारण

Chikheang 2025-12-30 11:26:52 views 809
  

Gold Silver Crash: सोना हाई लेवल से ₹6000 सस्ता, चांदी में पहली बार ₹31500 की भारी गिरावट; आज भी गिरेंगे दाम? 5 कारण



Gold Silver Crash: सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार 29 दिसंबर को सोना-चांदी की कीमतों में जोरदार गिरावट देखने को मिली। कारोबार की शुरुआत में मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर दोनों कीमती धातुओं ने तेजी दिखाई, लेकिन यह तेजी ज्यादा देर टिक नहीं पाई। कुछ ही समय में बाजार का रुख बदला और सोना-चांदी भरभराकर टूट गए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

चांदी में तो ऐसी भारी गिरावट आई कि यह अपने रिकॉर्ड हाई से करीब 31,500 रुपए (silver price crash) प्रति किलो तक फिसल गई। वहीं सोना भी दिन के उच्च स्तर से लगभग 6000 रुपए से ज्यादा सस्ता (gold price crash) हो गया। बाजार में अचानक आई इस गिरावट ने निवेशकों को चौंका दिया है। सवाल अब यही है कि क्या यह गिरावट यहीं थमेगी या आने वाले दिनों में सोना-चांदी के दाम और नीचे जा सकते हैं? चलिए समझते हैं सबकुछ।
24 कैरेट गोल्ड में भारी गिरावट, हाई लेवल से 6144 रुपए की कमी दर्ज

सोमवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स (MCX) पर 5 फरवरी 2026 एक्पायरी वाला 24 कैरेट गोल्ड1,34,887 रुपए प्रति 10 ग्राम पर क्लोज हुआ। इसमें पिछले कारोबारी सत्र यानी 26 दिसंबर के मुकाबले 3.56 फीसदी यानी 4986 रुपए की भारी गिरावट आई। दिलचस्प बात यह है कि ट्रेडिंग के दौरान गोल्ड ने 1,40,444 रुपए का ऑल टाइम हाई भी बनाया। लेकिन रात 8 बजे के बाद गोल्ड में अचानक गिरावट आई और बाजार बंद होते-होते यह हाई लेवल से 6144 रुपए टूट गया।

यह भी पढ़ें- Explained: दशकों बाद सोना-चांदी और तांबे में एक साथ बड़ी तेजी, क्यों बढ़े भाव, 2026 में भी रहेगी डिमांड?
चांदी में पहली बार इतनी बड़ी गिरावट, हाई लेवल से 31000 रुपए टूटी

इसी तरह, चांदी के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी गिरावट देखी गई। रात साढ़े 9 बजे के आसपास इसमें 15000 रुपए से ज्यादा की कमी आई। हालांकि, बीच थोड़ी संभली और बाजार बंद होते-होते यह 2,23,502 रुपए प्रति किलोग्राम पर क्लोज हुई। खास बात यह है कि सोमवार को चांदी ने 2,54,174 का हाई लेवल छुआ। लेकिन, इसके कुछ देर बाद ही इसमें गिरावट का दौर शुरू हो गया और यह 31,672 रुपए गिरकर 2,22,502 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गई। हालांकि, मार्केट क्लोज होने तक इसमें हल्का सा उछाल आया और यह 223900 रुपए के लेवल पर क्लोज हुई।
बड़ा सवाल- आखिर सोने-चांदी की कीमतों में अचानक इतनी कमी क्यों?

चांदी की कीमतों में आज जो तेज गिरावट देखने को मिली, उसके पीछे एक नहीं बल्कि कई बड़े कारण एक साथ काम करते नजर आए। सुबह जहां चांदी रिकॉर्ड ऊंचाई के आसपास थी, वहीं दिन खत्म होते-होते तस्वीर पूरी तरह बदल गई।
1. रिकॉर्ड स्तर के बाद मुनाफावसूली

सोमवार को MCX पर चांदी के दाम करीब 2.54 लाख रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए थे। यह अब तक का रिकॉर्ड स्तर माना जा रहा था। जब कोई कमोडिटी इतनी तेजी से ऊंचाई छूती है, तो निवेशकों का मुनाफा बुक करना स्वाभाविक हो जाता है। ठीक यही आज देखने को मिला। जैसे ही बड़े निवेशकों और ट्रेडर्स ने मुनाफा निकालना शुरू किया, बाजार में बिकवाली तेज हो गई। नतीजा यह रहा कि एक ही दिन में चांदी करीब 32,000 रुपए प्रति किलो तक टूट गई। ऐसा ही कुछ सोने के साथ भी हुआ।
2. ग्लोबल मार्केट से भी दबाव

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चांदी में जबरदस्त उतार-चढ़ाव दिखा। आज पहली बार चांदी कुछ समय के लिए 80 डॉलर प्रति औंस के ऊपर गई, लेकिन यह स्तर टिक नहीं पाया। थोड़ी ही देर में भाव फिसलकर करीब 71 डॉलर प्रति औंस तक आ गए। जब ग्लोबल मार्केट में इतनी तेज गिरावट आती है, तो उसका असर सीधे भारतीय बाजार पर पड़ता है। इसी वजह से MCX पर भी चांदी के दाम तेजी से नीचे आए। यही हाल सोने का भी रहा।
3. भू-राजनीतिक तनाव में नरमी

चांदी को अक्सर सोने की तरह सुरक्षित निवेश माना जाता है। जब दुनिया में युद्ध, तनाव या अनिश्चितता बढ़ती है, तो निवेशक सेफ हेवन एसेट्स की तरफ जाते हैं। लेकिन आज हालात कुछ बदले हुए नजर आए। रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर शांति की संभावनाओं पर सकारात्मक संकेत मिले। अमेरिका और यूक्रेन के नेताओं के बीच बातचीत में प्रगति की खबरें आईं। जैसे ही बाजार को लगा कि जियोपॉलिटिकल टेंशन कुछ कम हो सकती है, वैसे ही चांदी और सोने जैसी धातुओं से पैसा निकलने लगा। इसका सीधा असर कीमतों पर पड़ा।
4. मार्जिन बढ़ने से ट्रेडर्स पर दबाव

सोमवार की गिरावट की एक बड़ी वजह मार्जिन में बढ़ोतरी भी रही। CME ग्रुप, जो COMEX समेत बड़े डेरिवेटिव प्लेटफॉर्म्स चलाता है, उसने सिल्वर फ्यूचर्स पर मार्जिन बढ़ा दिया है। पहले जहां करीब 20,000 डॉलर मार्जिन देना पड़ता था, अब यह बढ़कर लगभग 25,000 डॉलर हो गया है। मार्जिन बढ़ने का मतलब है कि ट्रेडर्स को ज्यादा कैश लगाना पड़ेगा। ऐसे में कई ट्रेडर्स को अपनी पोजिशन काटनी पड़ी, जिससे बिकवाली और तेज हो गई।
5. तेज रैली के बाद करेक्शन तय

पिछले कुछ महीनों में चांदी में असाधारण तेजी देखने को मिली थी। इस साल अब तक चांदी करीब 181 प्रतिशत तक चढ़ चुकी थी। सिर्फ पिछले एक साल में ही दाम लगभग तीन गुना हो गए थे। जब किसी एसेट में इतनी तेज रैली आती है, तो एक समय के बाद करेक्शन आना लगभग तय माना जाता है। आज वही करेक्शन अचानक और तेज तरीके से सामने आया।

टेक्निकल चार्ट्स के मुताबिक चांदी अपने 200 दिन के मूविंग एवरेज से काफी ऊपर ट्रेड कर रही थी। ऐसे हालात में छोटे-छोटे ट्रिगर भी बड़ी गिरावट की वजह बन जाते हैं। इसके साथ ही मनोवैज्ञानिक फैक्टर भी काम करता है। जब भाव बहुत ऊपर चले जाते हैं, तो निवेशकों को डर लगता है कि कहीं टॉप न बन जाए। इसी डर में लोग जल्दी-जल्दी बेचने लगते हैं और गिरावट और गहरी हो जाती है।
अब क्याः आगे भी गिरेंगे दाम या फिर थम जाएगी रफ्तार?

अमेरिकी फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म BTIG ने कीमती धातुओं में आई इस तेजी को लेकर चेतावनी दी है। फर्म का कहना है कि सोने-चांदी की यह रैली अब \“पैराबॉलिक स्टेज\“ में पहुंच चुकी है। पैराबॉलिक स्टेज का मतलब होता है कि कीमतें बहुत कम समय में असामान्य और लगभग सीधी रेखा में ऊपर भागने लगती हैं। BTIG का साफ कहना है कि पैराबोला का अंत सिर्फ एक ही तरह से होता है- बराबर और उलटी दिशा की तेज प्रतिक्रिया के साथ। इसमें समय के साथ करेक्शन नहीं होता।
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