देहरादून के सैयद मोहल्ले में आवारा कुत्तों के हमले में घायल महिला बीना कनौजिया। क्षेत्रवासी
जागरण संवाददाता, देहरादून: दून में आवारा कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा। दून के सैय्यद मोहल्ले में आवारा कुत्तों की दहशत बनी हुई है। गलियों में जगह-जगह लेटे आवारा कुत्ते स्थानीय लोगों की जान के दुश्मन बन गए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सोमवार को पांच से छह कुत्तों ने एक महिला पर हमला कर दिया और गिरने से वह बुरी तरह घायल हो गईं। महिला का जिला अस्पताल में उपचार कराया जा रहा है। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि अक्सर कुत्ते महिलाओं और बच्चों पर झपटते हैं और वाहनों के पीछे दौड़ते हैं। उन्होंने नगर निगम से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
जानकारी के अनुसार, बीना कनौजिया सैय्यद मोहल्ले में रहती हैं। सोमवार दोपहर वह अपने घर से निकलीं और गली के मोड़ से गुजरते वक्त वहां सड़क पर लेटे करीब पांच से छह कुत्ते उन पर भौंकने लगे। उन्होंने कुत्तों को भगाने का प्रयास किया तो कुत्ते हमलावर हो गए और महिला पर झपट पड़े। खुद बचाने के लिए बीना दौड़ीं तो वह सड़क पर गिर गईं। जिससे उनके सिर और हाथ पर काफी चोटें आई हैं।
इसके साथ ही कुत्तों ने उनके कपड़े नोच लिए और पैरों पर भी घाव हो गए। आसपास के लोगों ने कुत्तों को वहां से भगाया और घायल महिला को अस्पताल पहुंचाया। जहां उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया। क्षेत्रवासियों ने नगर निगम से मांग की है कि आक्रामक कुत्तों को मोहल्ले से हटाया जाए।
इससे पहले भी करीब दो सप्ताह पूर्व आकाशदीप कालोनी में एक आवारा कुत्ते ने राहगीर पर हमला कर घायल कर दिया था। शहर के विभिन्न क्षेत्रों से इस प्रकार की शिकायतें आ रही हैं। नगर निगम के अधिकारियों ने इस संबंध में तत्काल संज्ञान लेते हुए यथासंभव कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
एबीसी सेंटर की बढ़ाई जा रही क्षमता
नगर निगम के वरिष्ठ पशुचिकित्सा अधिकारी डा. वरुण अग्रवाल ने बताया कि जल्द ही एबीसी सेंटर की क्षमता तीन गुना बढ़ाई जाएगी। वर्तमान में जहां 70 कुत्तों को रखने की व्यवस्था है, उसे बढ़ाकर 200 से अधिक किया जाएगा। इसके साथ ही जल्द कुत्ता शिकायत प्रकोष्ठ और टोल फ्री नंबर भी जारी किया जाएगा, ताकि शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई हो सके।
पोस्टर-बैनर के माध्यम से जनजागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 से अब तक 54 हजार आवारा कुत्तों का बंध्याकरण और टीकाकरण किया जा चुका है। फिर भी शहर में करीब 20 प्रतिशत कुत्तों की नसबंदी अभी शेष है।
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