जिस अनसेफ बिल्डिंग को अफसरों को सील करना चाहिए था उसे मिसयूज का नोटिस दिया जा रहा।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सेक्टर 17ए में खुले शराब ठेके पर प्रशासन विशेषकर एसडीएम ऑफिस के अफसर मेहरबान है। ऐेस में यूटी प्रशासक को यह ध्यान दिलाना जरूरी है कि अफसर राजनीतिक और लिकर लॉबी के दवाब में काम कर रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हालात यह है कि जिस अनसेफ बिल्डिंग को अफसरों को सील करना चाहिए था उसे मिसयूज का नोटिस दिया जा रहा है। इससे साफ साफ पता चलता है कि एसडीएम ऑफिस को सब जानकारी है लेकिन कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है।
नियमों के अनुसार किसी भी अनसेफ बिल्डिंग में कोई भी एक्टिविटी नहीं चल सकती। बिल्डिंग की गिराया जाना है। बिल्डिंग को तकनीकी रिपोर्ट कई बाद अनसेफ घोषित किया हुआ है। ऐसे में वहां शराब का ठेका और अहाता कैसे खुल सकता है।
आम जनता का घर तोड़े जा रहे
एक तरफ प्रशासन छोटी सी वायलेशन पर लाखों की पेनल्टी लगा रहा है, डिमोलिशन के ऑर्डर जारी किए जा रहे है वहीं अनसेफ बिल्डिंग में खुले ठेके को सील करने की बजाय नोटिस ही जारी किए जा रहे है।
एस्टेट ऑफिस और एक्साइज के अफसरों के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि अनसेफ बिल्डिंग में कोई हादसा होने पर जिम्मेदार कौन होगा। सेक्टर 17 में अब तक दो बिल्डिंग गिर चुकी है। जिस बिल्डिंग में ठेका चल रहा है उसके बगल की बिल्डिंग के गिरने से लोगों की मौत भी हुई थी। |
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