राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान नियम-280 के अंतर्गत विशेष उल्लेखों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहने की संभावना है। संख्या और विषयवस्तु पर निर्धारित सीमाओं के चलते ये विशेष उल्लेख प्रशासनिक कमियों और जनहित से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को सटीक रूप से उजागर करने का माध्यम बनेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उठाए गए विषय आगामी वर्ष की विधायी प्राथमिकताओं के संकेत भी देंगे। सत्र की एक प्रमुख विशेषता प्रश्नकाल पर विशेष जोर रहेगा, जो लगातार तीन दिनों तक आयोजित किया जाएगा। स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, जल, परिवहन, वित्त और शहरी विकास जैसे प्रमुख सेवा-प्रदाय विभागों से संबंधित प्रश्नों के माध्यम से सदस्य शासन से समयबद्ध और स्पष्ट उत्तर प्राप्त करने का प्रयास करेंगे। यह सत्र ऐसे समय में हो रहा है जब नए साल की शुरुआत हो रही है।
शीतकालीन सत्र का औपचारिक आरंभ 5 जनवरी 2026 को प्रातः 11 बजे उपराज्यपाल वी के सक्सेना के अभिभाषण से होगा, जिसके पश्चात सदन की नियमित कार्यवाही प्रारंभ होगी। यह सत्र 8 जनवरी 2026 तक चलेगा। उद्घाटन दिवस पर कार्यवाही प्रातःकाल प्रारंभ होगी, जबकि शेष दिनों में बैठकें दोपहर 2 बजे से आरंभ होंगी।
दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने शीतकालीन सत्र के दौरान रचनात्मक सहभागिता के महत्व पर बल देते हुए कहा कि विधायी समीक्षा और सार्थक बहस लोकतांत्रिक शासन को सुदृढ़ करने के मूल आधार हैं। उन्होंने सदस्यों से अनुशासन, तैयारी और प्रक्रियाओं के पालन के साथ जनहित से जुड़े मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाने की अपेक्षा व्यक्त की, जिससे सरकार से स्पष्टता प्राप्त हो सके और सूचित निर्णय-निर्माण को बढ़ावा मिले। |