अंशू दीक्षित, लखनऊ। राष्ट्रीय राजमार्गों पर कोहरे के सीजन में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वाहनों की गति तीस किमी. प्रति घंटे से अधिक न हो। यही नहीं पुलिस, राजमार्ग संचालनकर्ता टीम बनाकर अलग-अलग समय गश्त करे। टोल से गुजरने वाले वाहन चालकों को टोल पर लगे मोबाइल नंबर व निर्देशिका पुस्तिका देने के निर्देश दिए गए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उद्देश्य है कि संबंधित मोबाइल नंबर पर चालक बता सके कि कहां कोहरा ज्यादा व कम है। इससे पीछे वाले वाहन चालकों को सतर्क किया जा सके। हालांकि एनएचएआइ द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन राजमार्ग संचालनकर्ता पूरी तरह से नहीं करा रहे हैं। 27 नवंबर 2025 को जारी इन आदेशों को हर हाल में 27 दिसंबर 2025 तक पूरा कराना है। ऐसा न करने पर प्राधिकरण राजमार्ग संचालनकर्ताओं पर कार्रवाई कर सकता है।
लखनऊ से कानपुर, सीतापुर, रायबरेली, अयोध्या, हरदोई, सुलतानपुर सहित अन्य राष्ट्रीय राजमार्ग पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एनएचएआइ ने इंडियन रोड क्रांग्रेस की गाइडलाइनों को पूर्ण रूप से पालन करने के निर्देश दिए हैं। दुर्घटना की स्थिति में यातायात को निर्देशित करने के लिए लाल/हरे रंग की चमकती छड़ी रखने के साथ ही पुलिस, राजमार्ग संचालन और ठेकेदार द्वारा साप्ताहिक आधार पर रात्रिकालीन राजमार्ग निरीक्षण जरूर करने की बात कही गई है। इसके अलावा रिफ्लेक्टर, क्रासिंग, रैम्प, डिवाइडर शुरू होने से पहले ही रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था कराने के निर्देश दिए गए हैं।
एनएचएआइ के महाप्रबंधक (समन्वयक) संजय कुमार पटेल ने आदेशों में उल्लेख किया है कि सड़क के किनारे बैरियर वाहन चालकों को दूर से दिखे, उन पर एक निर्धारित दूरी परी रिफ्लेक्टर लगाए जाए, जो दूर से दिखे। ब्लैक स्पाट पर रोड इंजीनियरिंग सुधारने के साथ ही रोशनी के पर्याप्त व्यवस्था हो। शहरी क्षेत्रों में दो मीटर की दूरी पर और ग्रामीण क्षेत्रों में राजमार्गों, एक्सप्रेस वे के पांच मीटर की दूरी पर मीडियन और आरसीसी यानी रेनफोर्सर्ड सीमेंट कंक्रीट बैरियर पर मीडियन मार्कर लगाएं।
इन बातों का भी रखे ध्यान
. राष्ट्रीय राजमार्ग पर अगर रोशनी की व्यवस्था है तो वह कोहरे व रात में समय से पहले जला दी जाए।
. राजमार्ग पर डिवाइडर शुरू होते ही 25 मीटर ऊंची हाईमास्ट लगाकर रोशनी की व्यवस्था हो।
. लघु पुलों, आरओबी, प्रवेश/निकास रैंप पर सोलर स्टड लगाए जाए, स्लिप रोड के प्रत्येक तरफ पांच सोलर स्टड यानी सौर ऊर्जा चालित सड़क सुरक्षा चेतावनी लाइट।
. निर्माण क्षेत्रों पर, डायवर्जन पर सुरक्षा उपाय किए जाएं, जैसे कि पक्के डायवर्जन फुटपाथ चिह्न, रोड स्टड, बैरिकेडिंग, डायवर्जन संकेत, सोलर ब्लिंकर।
. राजमार्ग पर चलने वाले वाहनों की पूरी चौड़ाई पर रिफ्लेक्टर टेप लगाना, आगे सफेद और पीछे लाल रंग लगा होना जरूरी है। |