डिजिटल डेस्क, इंदौर। पावन नगरी उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को अब दान देने के लिए नकदी साथ रखने की आवश्यकता नहीं होगी। मंदिर समिति ने भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कैशलेस दान व्यवस्था शुरू की है। इसके तहत मंदिर परिसर और दान काउंटरों पर क्यूआर कोड (बारकोड) लगाए गए हैं, जिन्हें स्कैन कर श्रद्धालु आसानी से डिजिटल माध्यम से दान कर सकते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह है उद्देश्य
मंदिर समिति का उद्देश्य महाकाल दर्शन को पूरी तरह कैशलेस बनाना है। पहले से ही भस्म आरती की ऑनलाइन बुकिंग और शीघ्र दर्शन टिकट के लिए ई-वॉलेट सुविधा उपलब्ध है। अब लड्डू प्रसाद काउंटर, महाकालेश्वर व हरसिद्धि धर्मशाला, अन्न क्षेत्र और दान काउंटरों पर भी कैशलेस भुगतान की सुविधा शुरू कर दी गई है। देशभर से आने वाले श्रद्धालु मंदिर परिसर के किसी भी हिस्से से क्यूआर कोड स्कैन कर दान कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें दानपेटी ढूंढने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
नकद और कैशलेस, दोनों विकल्प उपलब्ध
हालांकि, श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लड्डू प्रसाद काउंटरों पर नकद और कैशलेस—दोनों तरह की भुगतान व्यवस्था जारी रहेगी। नेटवर्क समस्या या तकनीकी कारणों से कभी-कभी ई-पेमेंट में देरी हो सकती है, ऐसे में दर्शनार्थियों को असुविधा न हो, इसके लिए नकद भुगतान का विकल्प भी पहले की तरह जा रखा गया है।
महाकाल मंदिर की यह पहल डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, जिससे श्रद्धालुओं को सुगम, सुरक्षित और आधुनिक सुविधा मिल सकेगी। |