बीजेपी ने सोशल मीडिया पर कसा तीखा तंज
राधा कृष्ण, पटना। बिहार की राजनीति में एक बार फिर पोस्टर वॉर ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है। इस बार निशाने पर हैं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव। बिहार बीजेपी ने सोमवार सुबह एक ऐसा पोस्टर जारी किया, जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। सोशल मीडिया पर जारी इस पोस्टर में तेजस्वी यादव को \“लापता\“ बताया गया है और अनोखे अंदाज में उनकी तलाश की बात कही गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बीजेपी द्वारा जारी पोस्टर में लिखा गया है, \“लापता की तलाश\“, जिसके साथ तेजस्वी यादव की तस्वीर लगाई गई है। पोस्टर में तंज कसते हुए उनका नाम, पहचान और \“आखिरी बार कब देखे गए\“ जैसी बातें लिखी गई हैं।
बीजेपी ने दावा किया है कि तेजस्वी यादव को आखिरी बार \“मीडिया से मुंह छिपाकर भागते हुए\“ देखा गया था। पोस्टर सामने आते ही सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है और इसे बीजेपी का राजनीतिक हमला माना जा रहा है।
दरअसल, तेजस्वी यादव 2 दिसंबर की शाम पटना से दिल्ली रवाना हुए थे, जिसके बाद से वे बिहार नहीं लौटे हैं। सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी अपनी पत्नी और बच्चों के साथ यूरोप के दौरे पर हैं।
माना जा रहा है कि वे क्रिसमस और नए साल का अवकाश मनाने के बाद ही पटना वापस आएंगे। हालांकि, तेजस्वी या राजद की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
बीजेपी ने तेजस्वी की गैरमौजूदगी को लेकर यह सवाल उठाया है कि जब राज्य की राजनीति में कई अहम मुद्दे चल रहे हैं, तब नेता प्रतिपक्ष का इस तरह गायब रहना कितना उचित है। पार्टी नेताओं का कहना है कि जनता ने जिन्हें विपक्ष की जिम्मेदारी दी है, वे सदन और राज्य से नदारद हैं।
गौरतलब है कि 18वीं बिहार विधानसभा के पहले सत्र में तेजस्वी यादव शुरुआती दो दिनों तक सदन में नजर आए थे। 1 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह और 2 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में उनकी उपस्थिति दर्ज हुई थी।
लेकिन इसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान वे सदन में मौजूद नहीं थे। दूसरे दिन की कार्यवाही खत्म होने के बाद ही वे दिल्ली रवाना हो गए थे और तब से विधानसभा की कार्यवाही से भी दूरी बनाए हुए हैं।
बीजेपी का आरोप है कि विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद से तेजस्वी यादव लगातार मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं। पार्टी नेताओं का कहना है कि हार के बाद न तो तेजस्वी ने खुलकर जनता से बात की और न ही विपक्ष की भूमिका को मजबूती से निभाया।
बीजेपी इसे राजद की अंदरूनी असहजता और नेतृत्व संकट से जोड़कर देख रही है।
बीजेपी नेताओं का यह भी कहना है कि जब राज्य में सरकार फैसले ले रही है और कई मुद्दों पर विपक्ष की आवाज जरूरी है, तब नेता प्रतिपक्ष का विदेश में छुट्टियां मनाना जनता के सवालों से भागने जैसा है।
पोस्टर के जरिए बीजेपी ने इसी मुद्दे को राजनीतिक हथियार बनाया है।
हालांकि, राजद खेमे में इस पोस्टर को निजी यात्रा पर राजनीति करार दिया जा रहा है। पार्टी से जुड़े लोगों का कहना है कि तेजस्वी यादव निजी कारणों से विदेश गए हैं और बीजेपी अनावश्यक रूप से इसे मुद्दा बना रही है।
उनका यह भी कहना है कि विपक्ष को कमजोर दिखाने के लिए इस तरह के पोस्टर जारी किए जा रहे हैं।
फिलहाल, बीजेपी के \“लापता पोस्टर\“ ने बिहार की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। सवाल यह है कि तेजस्वी यादव की चुप्पी कब टूटेगी और वे इस सियासी तंज का क्या जवाब देंगे। नए साल के बाद उनकी वापसी के साथ ही यह सियासी जंग और तेज होने के आसार हैं। |