इलेक्ट्रिक कार पर वायु प्रदूषण का जुर्माना (AI जनरेटेड इमेज)
ऑटो डेस्क, नई दिल्ली। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को प्रदूषण का समाधान माना जाता है। सरकार इन्हें बढ़ावा दे रही है ताकि वायु गुणवत्ता बेहतर हो सके। हाल ही में हरियाणा से सामने आई एक घटना ने ट्रैफिक चालान सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां पर एक इलेक्ट्रिक कार का वायु प्रदूषण फैलाने को लेकर 10,000 रुपये का चालान किया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वायरल हुआ ई-चालान
ऑटो उत्साही और रैली ड्राइवर रतन धिल्लन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक ई-चालान की तस्वीर साझा की, जो देखते ही देखते वायरल हो गई। इस चालान में एक इलेक्ट्रिक कार पर वायु प्रदूषण मानकों के उल्लंघन के लिए 10,000 रुपये और स्पीड लिमिट तोड़ने के लिए 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। कुल मिलाकर 12,000 रुपये का फाइन देखकर लोग हैरान रह गए।
Incredible India indeed ₹10,000 fined on an EV vehicle for air pollution violation. How does Haryana Police justify this?
Absolutely shameful! ️ https://t.co/9Fy03doev9 pic.twitter.com/08aMX1OwG6 — Rattan Dhillon (@ShivrattanDhil1) December 16, 2025
हैरानी की असली वजह
चालान में दिख रही कार एक पूरी तरह इलेक्ट्रिक वाहन है, जिसकी ग्रीन नंबर प्लेट साफ नजर आती है। EV में न तो पेट्रोल-डीजल इंजन होता है और न ही कोई टेलपाइप एमिशन। यही वजह है कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को PUC सर्टिफिकेट की भी जरूरत नहीं होती। ऐसे में प्रदूषण फैलाने का आरोप अपने आप में बेतुका लगता है। माना जा रहा है कि यह गलती ऑटोमेटेड चालान सिस्टम की है, जो वाहन के प्रकार को पहचानने में नाकाम रहा।
लोगों का रिएक्शन
सोशल मीडिया पर यूजर्स ने इस घटना को सिस्टम फेल्योर बताया। किसी ने तंज कसा कि “क्या EV धूल उड़ाकर प्रदूषण कर रही है?” तो किसी ने कहा कि यह तकनीकी लापरवाही आम नागरिकों के लिए परेशानी बन रही है। कई लोगों ने गलत चालान को लोक अदालत या ऑनलाइन पोर्टल के जरिए चुनौती देने की सलाह दी।
सबक और आगे की राह
यह मामला दिखाता है कि टेक्नोलॉजी पर पूरी तरह निर्भर ट्रैफिक इंफोर्समेंट सिस्टम में सुधार की जरूरत है। जब सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को भविष्य बता रही है, तब ऐसे गलत चालान भरोसे को कमजोर करते हैं। जरूरी है कि संबंधित विभाग इस पर संज्ञान ले, सिस्टम अपडेट करे और नागरिकों को बेवजह परेशान होने से बचाए। वरना “डिजिटल इंडिया” में ऐसे अजीब चालान आम होते जाएंगे। |