जागरण संवाददाता, मथुरा। सुबह चार बजे यमुना एक्सप्रेसवे का माहौल शांत था। किसान खेतों में पानी लगा रहे थे। थोड़ी ही देर में भयानक सड़क हादसा हो गया। हर तरफ चीख पुकार से पूरा माहौल गूंजने लगा।
महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे व लोग शीशे तोड़कर खिड़कियों से कूदे और भागने लगे। हर तरफ अफरा-तफरी मची गई। 20 मिनट के अंतराल में तीन धमाकों ने लोगों का दिल दहला दिया। आग की लपटों को देख लोगों की रूह तक कांप गई। हर किसी का कहना था कि अगर थोड़ी सी देर और हो जाती तो शायद वह आग से साथ जिंदा जल गए होते। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बलदेव थाना क्षेत्र के गांव खंडेरा स्थित यमुना एक्सप्रेसवे के माइल स्टोन 127 पर मंगलवार सुबह चार बजे भीषण सड़क हादसा बस में सफर करने वालों के लिए हमेशा के लिए यादगार बन गया। इस हादसे में कई लोगों ने अपने खो दिए, जबकि सैकड़ों लोगों ने किसी तरह बसों से निकलकर जान बचा ली।
अयोध्या की रहने वाली शालनी मिश्रा ने बताया कि वह दिल्ली से होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर रही हैं। वैशाली ट्रैवल्स से वह नीचे की स्लीपर में सो रही थी। अचानक झटका लगाने से उनका सिर लोहे के राड से टकरा गया।
कुछ सेकंड के लिए आंखों में अंधेरा छा गया। कुछ समझ नहीं आया। इसके बाद चीख पुकार मचने लगी। एक बच्चा कहीं से आकर उनकी गोद में गिरा था। बस के दरवाजे लाक हो चुके थे। कुछ समझ में नहीं आया रहा था। बस के केबिन में आगे आग लगी थी। लोग शीशे तोड़कर कूद रहे थे।
बस के अंदर धुआं भरने से दम घुटने जैसा लग रहा था। शालनी ने बताया कि ऊपर बैठे युवक ने उनका भी शीशा तोड़ा। इसके बाद किसी तरह वह भी खिड़की से कूदकर बाहर आई। देखते ही देखते आग की लपटों ने बस को पूरी तरह से घेर रखा था। थोड़ी देर में तीन धमाके हुए और आग की लपटों में सब कुछ खाक हो गया।
नोएडा के सूरज कुमार बताते हैं कि आग की लपटें काफी ऊंची थी। इस मंजर को देखकर उनका दिल दहल गया। हमीरपुर के रघुवीर ने बताया कि वह बस में सो रहे थे। टक्कर लगते ही उनके पैर पूरी तरह से मुड़ गए। चीख-पुकार के बीच किसी तरह से उन्होंने भी बाहर आकर अपनी जान बचाई।
एसी बस के पीछे से परखच्चे उड़े, व्यक्ति और बच्चा जिंदा जला
एसी बस में चढ़ने और उतरने के लिए एक ही दरवाजे के कारण हादसे के बाद लोगों को बाहर निकलने में काफी परेशानी हुई। ऐसे में कई महिला, बुजुर्ग और बच्चों के जिंदा जलने की आशंका जताई जा रही है।
हादसे में एक एसी कोच स्लीपर बस का पीछे का हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। आग लगने के बाद इसमें पीछे बैठा एक व्यक्ति व भी बच्चा जिंदा जल गया। आग बुझाने के बाद पुलिस ने बस में फंसे उनके अवशेष को देख पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।
हादसे की आवाज सुन दौड़े ग्रामीण, यात्रियों को निकाला
एक्सप्रेसवे पर बसों की भिड़ंत की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीणों को हादसे की भनक लग गई। ग्रामीण मौके पर पहुंचने लगे और यात्रियों को बाहर निकलवाने में मदद करने लगे।
सुबह टहलने निकले बलदेव के हथकौली गांव निवासी योगेश सिकरवार और नगला आंगई निवासी भूरा ने बताया कि हादसे के बाद उन्होंने बाहर के बसों से कई शीशे तोड़े और यात्रियों को खिड़की से उतरने में मदद की। वहीं ग्रामीणों ने भी मौके पर आकर राहत कार्य शुरू किया।
दोनों रोडवेज बसों से सुरक्षित उतर गए यात्री
आजमगढ़ और कौशांबी डिपो की रोडवेज बस में सवार यात्री बस में इमरजेंसी गेट होने के कारण आसानी से बाहर निकल आए। हालांकि उनमें भी पहले निकलने की होड़ मची रही। वहीं एसी बसों में उतरने-चढ़ने के लिए एक ही दरवाजा होने के कारण लोगों को परेशानी हुई।
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