मानगो थाने पर हुआ बवाल। (जागरण)
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। जमशेदपुर के अतिसंवेदनशील माने जाने वाले मानगो थाना परिसर में शुक्रवार की देर रात कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ गईं।
दया नर्सिंग होम और सिम्स नर्सिंग होम के संचालकों के बीच चल रही पुरानी रंजिश ने उग्र रूप ले लिया और दोनों पक्षों के युवक थाने के भीतर ही भिड़ गए।
इस दौरान उपद्रवियों ने थाने के वायरलेस सेट को क्षतिग्रस्त कर दिया, सरकारी फाइलें फाड़ दीं और कुर्सियां तोड़ डालीं। हद तो तब हो गई जब बीच-बचाव करने आए पुलिसकर्मियों के साथ ही युवकों ने हाथापाई शुरू कर दी। घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
छावनी में तब्दील हुआ थाना।
शुक्रवार रात करीब 10.30 बजे मानगो थाना किसी युद्ध के मैदान जैसा नजर आ रहा था। जानकारी के मुताबिक, दया नर्सिंग होम और सिम्स नर्सिंग होम के संचालकों के बीच अक्सर विवाद होता रहता है। रविवार को भी दया नर्सिंग होम के संचालक मुमताज के पुत्र और सिम्स नर्सिंग होम के हन्ने के बीच मारपीट हुई थी।
इसी मामले की शिकायत दर्ज कराने हन्ने अपने सहयोगियों के साथ थाने पहुंचे थे। पुलिस अभी उनकी बात सुन ही रही थी कि तभी मुमताज का बेटा अपने समर्थकों की फौज लेकर थाने में घुस आया।
जमकर चले लात-घूंसे
दोनों गुटों का आमना-सामना होते ही गाली-गलौज शुरू हुई और देखते ही देखते थानेदार के कक्ष के बाहर ही लात-घूसे चलने लगे। युवकों का दुस्साहस इतना बढ़ा हुआ था कि उन्होंने थाने की कुर्सियां एक-दूसरे पर फेंकनी शुरू कर दीं। रैक में रखी महत्वपूर्ण पुलिसिया फाइलों और रजिस्टरों को जमीन पर बिखेर दिया गया।
घटना के वक्त थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों की संख्या उपद्रवियों के मुकाबले काफी कम थी। जब ड्यूटी पर तैनात जवानों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो युवक उनसे ही उलझ गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, युवक पुलिसकर्मियों को धक्का देकर अपने विरोधियों को थाने से बाहर खींचने का प्रयास कर रहे थे।
वर्दीधारी पुलिस के सामने इस तरह की गुंडागर्दी ने कानून के डर पर सवालिया निशान लगा दिया है। अफरा-तफरी के बीच किसी ने पुलिस का वायरलेस सेट जमीन पर पटक दिया, जिससे वह क्षतिग्रस्त हो गया।
छावनी में तब्दील हुआ थाना
थाने में बवाल की सूचना मिलते ही मुख्यालय-एक के डीएसपी भोला प्रसाद सिंह भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उनके पहुंचने के बाद ही स्थिति नियंत्रण में आई।
पुलिस ने तुरंत थाना परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया। देर रात तक पुलिस अधिकारी सीसीटीवी फुटेज खंगालते रहे ताकि सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों और पुलिस पर हमला करने वालों की पहचान की जा सके।
बिखरा हुआ सामान।
मानगो और आजादनगर का इलाका संवेदनशीलता के लिहाज से हमेशा पुलिस के रडार पर रहता है। वेब स्रोतों और पुराने रिकॉर्ड के अनुसार, 2018 में भी आजादनगर और मानगो थाने में स्थानीय युवकों ने घुसकर तोड़फोड़ की थी।
शुक्रवार की घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि इस इलाके में असामाजिक तत्वों के मन से पुलिस का खौफ खत्म हो चुका है। पुलिस अब इस मामले में सख्त कार्रवाई की तैयारी कर रही है ताकि भविष्य में कोई थाने के भीतर ऐसी हरकत न कर सके।
यह मामला मानगो के दो नर्सिंग होम संचालकों के बीच आपसी विवाद का है। रविवार को हुई मारपीट की शिकायत करने एक पक्ष थाने आया था, तभी दूसरे पक्ष ने वहां पहुंचकर मारपीट शुरू कर दी। इस दौरान थाना परिसर में सरकारी संपत्ति और सामानों को नुकसान पहुंचाया गया है, जिसका आकलन किया जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दोषियों को चिह्नित कर उन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। -
भोला प्रसाद सिंह, डीएसपी (मुख्यालय-एक) |