सुधांशु त्रिवेदी। (फाइल)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस की ओर से कथित \“वोट चोरी\“ के खिलाफ दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ लगाए गए आपत्तिजनक नारों ने रविवार को बड़ा सियासी विवाद खड़ा कर दिया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
भारतीय जनता पार्टी ने इसे लोकतांत्रिक मर्यादाओं का उल्लंघन बताते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला बोला, वहीं कांग्रेस ने इन नारों से खुद को अलग करते हुए इन्हें पार्टी की सोच से बाहर बताया।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने नारेबाजी की निंदा करते हुए कहा कि इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस का हश्र भी मुगलों जैसा होने जा रहा है। वे लगातार ऐसी बातें कर रहे हैं, जिससे उनके इतिहास के पन्नों में दफ्न होने की स्थिति बनती जा रही है। जैसे छह पीढ़ी के बाद मुगलों का अंत हो गया, उसी प्रकार कांग्रेस का नेतृत्व भी नेहरू परिवार के छह लोग कर चुके हैं। इस क्रम में राहुल गांधी छठवें हैं, जो सत्ता सुख भोग रहे हैं।
वहीं भाजपा के एक अन्य राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस वार्ता में कहा कि यदि वास्तव में इस तरह के नारे लगाए गए हैं, तो यह दर्शाता है कि कांग्रेस जनभावनाओं को समझने में पूरी तरह नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी और ऐसे प्रयास पहले भी कांग्रेस को राजनीतिक नुकसान पहुंचा चुके हैं।
पात्रा ने हाल में एक कथित एआइ वीडियो का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर व्यक्तिगत हमलों और ध्रुवीकरण की राजनीति करने का आरोप भी लगाया। कांग्रेस ने विवादास्पद नारेबाजी से बनाई दूरी दूसरी ओर, कांग्रेस नेताओं ने विवादास्पद नारों से दूरी बनाते हुए कहा कि यह पार्टी की आधिकारिक लाइन नहीं है।
कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने कहा कि पार्टी का स्पष्ट नारा \“वोट चोर, गद्दी छोड़\“ है और आपत्तिजनक नारे कुछ भटके हुए लोगों का काम हो सकते हैं। वरिष्ठ नेता नाना पटोले ने आरोप लगाया कि संभव है भाजपा ने ही ऐसे तत्वों को भेजा हो ताकि असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सके।
उनके मुताबिक, कांग्रेस लोकतंत्र और चुनावी प्रक्रिया में कथित गड़बड़ियों को लेकर सवाल उठा रही है, न कि व्यक्तिगत अपमान की राजनीति कर रही है।
(समाचार एजेंसी आइएएनएस के इनपुट के साथ) |