प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम के क्षेत्राधिकार में सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों और क्लिनिकों में जन्म लेने वाले बच्चे के अभिभावकों को जन्म प्रमाण पत्र के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। अस्पताल से डिस्चार्ज होने से पूर्व ही जन्मप्रमाण पत्र की प्रति मिल जाएगी। इसके बाद न केवल मौके पर ही बच्चे के माता पिता जन्म प्रमाण पत्र में अंकित जानकारी का भी सही मिलान कर सकेंगे बल्कि बाद में उन्हे जन्म प्रमाण पत्र के लिए भी एमसीडी के दफ्तर के चक्कर नहीं काटने होंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ऑनलाइन स्टोर करेंगे प्रमाण पत्र
इसके अलावा एमसीडी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र को आधार से जोड़ रही है जिससे अब डिजिलाॅकर में भी सर्टिफिकेट ऑनलाइन स्टोर रखा जा सकेगा। दिल्ली नगर निगम के महापौर राजा इकबाल सिंह ने बताया कि एमसीडी लगातार अपने जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र का सरलीकर कर रही है। 2021-22 में एमसीडी ने पूरी प्रक्रिया को डिजीटल कर दिया था। अब लोगों को घर बैठे ही जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र की सेवा ऑनलाइन उपलब्ध है।
जल्द एमसीडी के अस्पतालों में शुरू होगी सुविधा
डिजिटल होने के बाद जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने होने की समय सीमा भी सात से 10 दिन हो गई है। जबकि पहले यह 15-20 दिन थी। महापौर ने बताया कि अब हम संस्थागत जन्म मामले (अस्पताल और प्रसव केंद्रों) में माता के अस्पताल से छुट्टी से पहले जन्म प्रमाण प्रमाण पत्र की प्रति देने की दिशा में काम कर रहे हैं उन्होंने बताया कि इसकी शुरुआत जल्द ही एमसीडी के अस्पतालों से होगी।
90 प्रतिशत जन्म अस्पतालों व प्रसव केंद्रों में
इसके बाद हम निजी अस्पतालों और प्रसव केंद्रों पर भी इस सुविधा को लागू कराएंगे। महापौर ने बताया कि काफी लोगों को जानकारी अभाव होता है। ऐसे में कई बार अभिभावक दो-दो बार जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर देते हैं जबकि अस्पताल में हुए जन्म और मृत्यु में अलग से आवेदन की जरुरत नहीं होती है।
इसलिए लोगों की सुविधा और एमसीडी पर आने वाले आवेदनों की जांच के अतिरिक्त बोझ को कम करने के लिए हम यह सुविधा करेंगे। इसका सर्वाधिक लाभ अभिभावकों को ही मिलेगा। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में 90 प्रतिशत जन्म अस्पतालों व प्रसव केंद्रों में होते हैं।
एक नजर आंकड़ों पर
दिल्ली में जन्म और मृत्यु के पंजीकरण पर वार्षिक रिपोर्ट (2024) के अनुसार, शहर में 2024 में कुल 3,06,459 जन्म हुए जबकि 2023 में यह संख्या 3,15,087 थी। औसतन, दिल्ली में प्रति दिन जन्मों की संख्या 2024 में 837 रही, जबकि 2023 में यह 863 थी। रिपोर्ट के अनुसार 2023 में हुए 2,94,464 जन्म में (96.09 प्रतिशत) संस्थागत थे और 11,995 (3.91 प्रतिशत) घर पर हुए थे।
जन्म होने ही सहेज रहे जानकारी
एमसीडी ने जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र की सुविधा का डिजिटली करण करने के साथ ही केंद्र सरकार के डिजिलाकर से भी इसे जोड़ दिया है। नागरिक आधार नंबर से इसे डाउनलोड कर सकेंगे। एमसीडी के अनुसार जन्म होने पर आधार कार्ड बनवाने के लिए भी जानकारी हमने आधार कार्ड बनाने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआई) को भी भेजनी शुरू कर दी है। इससे अब बच्चों के माता पिता को अलग से आधार कार्ड बनवाने के लिए नहीं जाना होगा। एमसीडी से मिली जानकारी के आधार पर यूआईडीएआई द्वारा अधिकृत संस्था के लोग बच्चे के घर पर जाकर आधार बनाने की प्रक्रिया को पूरा करते हैं।
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