सरसों की फसल।
जागरण संवाददाता, हाथरस। मौसम में बदलाव लोगों पर भारी पड़ रहा है। दोपहर में पिछले तीन दिनों से धूप तेज पड़ रही है। यह गर्मी गेहूं की फसल के लिए खतरा बनी हुई है। सर्द मौसम में ही इस फसल की पैदावार बढ़ती है। वहीं सुबह, शाम व रात में सर्दी के चलते घरों से निकलना भी मुश्किल हो रहा है। इससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है। सर्दी, खांसी, बुखार के रोगी बढ़ रहे हैं। बागला जिला संयुक्त चिकित्सालय में रोगियों की कतार लग रही हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सर्दी नहीं बढ़ने से मोटाई नहीं पकड़ पाएगा दाना, गिरेगी पैदावार
दिसंबर माह भी आधा बीतने वाला है। इसके बाद भी वह कंपकपी वाली सर्दी नहीं दिख रही है। मौसम में अचानक आए बदलाव से तापमान बढ़ना शुरू हो गया है। दोपहर के समय धूप में रुकना भी मुश्किल हो जाता है। पूरा दिन धूप के दर्शन तक नहीं होते थे, अब तो सुबह सात आठ बजे से ही धूप निकल तेज होने लगती है। शीत लहर तो तो कहीं दिख भी नहीं रही है। मौसम में बदलाव का असर फसलों पर भी पड़ रहा है। इसने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। अधिकतम तापमान में भी अभी अधिक गिरावट नहीं है।
अधिक सर्दी में मोटाई पकड़ता है दाना
किसान राम रतन बताते हैं कि रबी में गेहूं की फसल के लिए सर्दी बहुत जरूरी है। पाला नहीं पड़ने स दाने की मोटाई व वजन कम होने से फसल की पैदावार प्रभावित होगी। आलू की फसल में भी फल मोटाई नहीं पकड़ सकेगा। उसमें पत्तियाें का पीली पड़ने से रोग लग जाएंगे। इससे पैदावार घट जाएगी। इससे बचने के लिए किसानों से फसलों में नमी बनाए रखने को समय-समय पर सिचाई करने से फसल सुरक्षित रहेंगी।
गजक रेबड़ी की मांग बढ़ी
सर्दियां आते ही खानपान में बदलाव हो जाता है। बाजार में गर्म पेय व शरीर काे गर्माहट देने वाले खाद्य पदार्थ की मांग बढ़ गई है। गुड़, तिल, खांड व ड्राईफ्रूट से बने गजक, रेबडी की दुकानों पर भीड़ लग रही है। 260 से 600 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से इनकी बिक्री की जा रही है। दुकानों में बन रह गजक की सौधी खुशबू ग्राहकों को अनायास की अपनी ओर खींच लेती है। ठंडे पेय पदार्थों की जगह गर्म पेय पदार्थों ने ले ली है।
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बोले किसान
मौसम में हर साल बदलाव दिख रहा है। पहले जैसी सर्दियां अब नहीं रहीं हैं। इस बार तो दिसंबर का महीना भी बीतता जा रहा है। जो सर्दी पड़नी चाहिए, वह नही दिख रही है।
- पंकज शर्मा, किसान
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फसलों के लिए सर्दी बहुत जरूरी है। पाला पडता है जभी गेहूं का दाना उसमे मोटाई पकड़ता है। सर्दी अधिक नहीं पड़ी तो फसलों को बहुत नुकसान होगा।
- अजय कुमार, किसान
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दाने वाले फसलों के लिए नमीं बहुत जरूरी है। यह कड़ाके के सर्दी से ही मिलती है। गेहूं के साथ जौ, मटर व चना की फसल का दाना सर्दी में मोटाई पकड़ताा है।
- गाेवर्धन सिंह, किसान
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सर्दियां अब कम होती जा रही हैं। इसका असर सबसे अधिक फसलों पर पड़ रहा है। रबी की फसल पूरी तरह से सर्दी पर ही निर्भर है। नमी बनाए रखने के लिए खेतों में सिंचाई की जा रही है।
- चौ. बहादुर सिंह, किसान
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वर्जन
रबी के फसल के लिए अधिक सर्दी जरूरी है। इससे गेहूं का दाना मोटाई पकड़ता है। मटर, चना व आलू की फसल के लिए भी यह जरूरी है। अभी जनवरी फरवरी का महीना शेष है, इसमें सर्दी बढ़ने की संभावना बनी हुई है।
- निखिल देव तिवारी, जिला कृषि अधिकारी।
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