चूक हुई या नियमानुसार हुई कार्रवाई,एसपी उत्तरी कर रहे छानबीन। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गैंगस्टर एक्ट की आरोपित महिला को कोर्ट से स्टे मिलने का हवाला देकर छोड़े जाने पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। शिकायतकर्ता की ओर से डीआइजी से की गई शिकायत के बाद पूरे प्रकरण की जांच एसपी उत्तरी को सौंपी गई है। अब यह पड़ताल की जा रही है कि जिस कोर्ट स्टे के आधार पर आरोपित को छोड़ा गया, वह वास्तव में था या नहीं, और अगर नहीं था तो यह चूक लापरवाही थी या जानबूझकर की गई कार्रवाई। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
चिलुआताल थाने में दर्ज गैंग्सटर एक्ट के इस मुकदमे की विवेचना वर्तमान में पीपीगंज थाना पुलिस कर रही है। बीते दिनों इस मामले में पुलिस ने दो महिलाओं को हिरासत में लिया था। पूछताछ और कार्रवाई के बाद एक महिला को जेल भेज दिया गया, जबकि दूसरी महिला को यह कहते हुए रिहा कर दिया गया कि उसे न्यायालय से गिरफ्तारी पर रोक यानी स्टे प्राप्त है।
इसी रिहाई को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ। गोरखनाथ की रहने वाली शिकायतकर्ता सैबा अनवर का आरोप है कि जिस महिला को छोड़ा गया, उसके पक्ष में कोई कोर्ट स्टे नहीं था। आरोप है कि बिना विधिक आधार के उसे रिहा कर दिया गया, जिससे पूरे मामले की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए।
इसी को लेकर शिकायतकर्ता ने उच्चाधिकारियों से गुहार लगाई, जिसके बाद डीआइजी ने मामले को गंभीर मानते हुए जांच के आदेश दिए।एसपी उत्तरी इस पूरे घटनाक्रम की जांच कर रहे हैं। जांच के दौरान यह देखा जाएगा कि कोर्ट का कोई वास्तविक आदेश था या नहीं, विवेचना के दौरान किन अभिलेखों के आधार पर रिहाई की गई, गिरफ्तारी और छोड़ने की प्रक्रिया नियमों के अनुरूप थी या नहीं, और इसमें संबंधित पुलिसकर्मियों की क्या भूमिका रही।
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एसपी उत्तरी ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। कोर्ट आदेश की पुष्टि के साथ-साथ विवेचना से जुड़े सभी रिकार्ड खंगाले जा रहे हैं। यदि जांच में किसी भी स्तर पर लापरवाही या अनियमितता सामने आती है तो संबंधित के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। |