कठुआ जिले के वाहन भी जल्द कंट्रोल रूम से जुड़ेंगे।
अजय मीनिया, कठुआ। खनन माफियाओं के लिए अब अवैध खनन आसान नहीं होगा। खनन सामग्री को ट्रांसपोर्ट करने में इस्तेमाल होने वाले सभी प्रकार के वाहनों में जीपीएस लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे सभी वाहन जिला खनन कार्यालय के पास पंजीकृत होंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जिन पर नजर रखने के लिए जम्मू स्थित खनन विभाग निदेशालय में एक कंट्रोल रूम भी स्थापित कर दिया गया है। जिसका के इंचार्ज इम्तियाज अहमद बनाए गए हैं। इस कंट्रोल रूम के साथ आरटीओ, एनएचएआई, पुलिस, यातायात पुलिस को भी जोड़ा गया है। शुरूआत में चार जिलों जम्मू, सांबा, कठुआ और रियासी में इस कंट्रोल रूम से पंजीकृत वाहन जुड़ेंगे। शुरूआत सांबा जिले के 5 वाहनों में जीपीएस लगाकर ट्रायल के रूप में कर दी गई है।
अगले एक हफ्ते में कठुआ जिले के भी वाहन इस कंट्रोल रूम से जुड़ेंगे। वाहनों पर नजर रखने के लिए जिलों में खनन सामग्री ट्र्रांसपोर्ट के हाइवे समेत अन्य जगहाें पर हाटस्पाट चिन्हित किए जाएंगे। जहां पर कैमरे लगाकर इन वाहनों पर नजर रखी जाएगी। यह कैमरे जम्मू स्थापित कंट्रोल रूम से सीधे जुड़ेंगे।
जहां 24 घंटे इनकी निगरानी की जाएगी। इस नई व्यवस्था से अवैध खनन पर नियंत्रण करने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन इस अमल में लाना विभाग के लिए इतना आसान नहीं होगा। इस चुनौती से निपटने के लिए विभाग को बड़ा जोर लगाना पड़ेगा। क्योंकि अवैध खनन के तार दूर तक जुड़े हुए हैं। खनन माफिया इस तरह सक्रिय हैं, इन्हें इस व्यवस्था में लाना इतना आसान नहीं होगा।
पकड़े जाने पर हमेशा के लिए वाहन जब्त
नई व्यवस्था के तहत किसी भी खनन ब्लाक, स्टोन क्रशर से निकलने वाली कोई भी सामग्री चाहे वो कच्ची हो या पूरी तरह से तैयार, उसको जीपीएस के बिना सामग्री ले जाने की अनुमति का फार्म नहीं जारी होगा। फार्म के बिना सामग्री नहीं ली जा सकती।
यहीं नहीं, जो कोई वाहन बिना जीपीएस के किसी भी तरह की सामग्री ले जाता हुआ पकड़ा गया। वह हमेशा के लिए जब्त हो जाएगा। उसका पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। मौजूदा समय में खनन में पकड़े जाने वाले वाहनों को माफिया जुर्माना भरके छुड़वा लेते हैं। जहां तक माफियाओं ने अपने लोगों को साफ कहा है कि वे वाहन छोड़कर चले जाएं। हम छुड़वा लें। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
जनवरी 2026 तक पूरे प्रदेश में व्यवस्था
सूत्रों का कहना है कि नए वर्ष में जनवरी 2026 में पूरे प्रदेश में ये व्यवस्था लागू होगी। क्योंकि कठुआ, सांबा, जम्मू और रियासी मात्र चार ऐसे जिले हैं, जहां सबसे अधिक खनन ब्लाक हैं। इसलिए सबसे पहले इन जिलों में व्यवस्था शुरू की गई है। बाकी के जिले में नए साल में व्यवस्था शुरू होगी। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार के आदेश पर इस व्यवस्था को लागू किया जा रहा है। जिसे पूरी तरह से प्रभावी बनाने के लिए आने वाले 3 से 4 दिन में मुख्य सचिव विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों से बैठक करेंगे।
मौजूदा वर्ष में करीब 3 हजार वाहन जब्त
बता दें कि मौजूदा वर्ष में कठुआ, सांबा, जम्मू और रियासी में करीब 3 हजार वाहन अवैध खनन में जब्त किए गए हैं। अकेले कठुआ में करीब 800 वाहन अब तक जब्त किए गए। जिनमें से 80 फीसदी वाहन जरूरी औपचारिकताएं पूरी करके रिलीज कर दिए गए। जम्मू में भी करीब 900 वाहन अब तक अवैध खनन में जब्त किए जा चुके हैं। बावजूद इसके चारों जिलों में अवैध खनन धड्ल्ले से हो रहा है। कठुआ के लखनपुर, राजबाग, कठुआ, बिलावर, बनी जैसे इलाके अवैध खनन के हाटस्पाट हैं। बीते वर्ष कठुआ जिले में डीसी के आदेश पर बिना अनुमति के चल रहे 26 स्टोन क्रशर जब्त कर दिए गए थे। |