नारनौल पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी के मामले में एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। जागरण
जागरण संवाददाता, नारनौल। पुलिस अधीक्षक पूजा वशिष्ठ के निर्देशन में साइबर धोखाधड़ी के मामलों पर कार्रवाई करते हुए सदर थाना, नारनौल की पुलिस टीम ने साइबर धोखाधड़ी में शामिल एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। उसकी पहचान अमीनाबाद, नूंह निवासी मुनफैद के रूप में हुई है। आरोपी को अमीनाबाद इलाके से पकड़ा गया और पूछताछ के दौरान उसके पास से 18,400 रुपये बरामद किए गए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आरोपी को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस मामले में पुलिस ने पहले भी एक और आरोपी अमीनाबाद, नूंह निवासी नौशाद को गिरफ्तार किया था। आरोपी ने भैंस बेचने के नाम पर गुवानी निवासी एक व्यक्ति से 34,000 रुपये की ठगी की थी। गुवानी, नारनौल निवासी एक व्यक्ति ने सदर थाना, नारनौल में शिकायत दर्ज कराई कि 13 नवंबर को उसने यूट्यूब पर एक भैंस देखी और उसे खरीदने की बात की। खरीदार ने बुकिंग के लिए 5,000 रुपये मांगे।
शिकायतकर्ता ने फिर पैसे ट्रांसफर कर दिए। 14 नवंबर को भैंस को गाड़ी से भेजने के बारे में बात हुई, जिसकी कुल कीमत 70,000 रुपये तय हुई। जालसाजों ने GPS खराब होने का दावा करके शिकायत करने वाले से और ₹14,500 ले लिए।
उन्होंने डिलीवरी में देरी होने का दावा करते हुए शिकायत करने वाले से और ₹21,750 मांगे। जब शिकायत करने वाले ने मना किया, तो उन्होंने डिलीवरी कैंसिल करने की धमकी दी। शिकायत करने वाले ने बताया कि ₹34,000 की ठगी हुई है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है।
पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि ज़िला पुलिस लगातार साइबर क्राइम और इसे रोकने के तरीकों के बारे में अलग-अलग तरीकों से जागरूकता बढ़ा रही है। साइबर क्रिमिनल इंटरनेट मीडिया साइट्स पर अच्छी क्वालिटी की गायों और भैंसों की फोटो और वीडियो अपलोड करते हैं, और लोगों को उन्हें कम कीमत पर बेचने का लालच देते हैं। फोटो/वीडियो/विज्ञापन/ऐड में अक्सर अच्छी क्वालिटी और ज्यादा दूध देने वाली भैंसों को कम कीमत पर दिखाया जाता है।
फोन नंबर पर संपर्क करने पर, जालसाज़ भैंस का दूध निकालने, दूध नापने, डेयरी फ़ार्म की फ़ोटो और भैंस को गाड़ी में ले जाने के वीडियो भेजकर उनका भरोसा जीतते हैं। फिर साइबर क्रिमिनल आपको फंसाते हैं और अलग-अलग बहाने बनाकर एडवांस के तौर पर अपने अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने का झांसा देते हैं।
साइबर क्रिमिनल गाड़ी का डीज़ल खत्म होने, गाड़ी का GPS काम नहीं करने जैसे कई बहाने बनाकर आपसे पैसे ऐंठते हैं और फिर आपको ठग लेते हैं। ऐसे सस्ते, लुभावने विज्ञापनों के झांसे में न आएं। साइबर क्राइम होने पर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें। |