सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, एटा। औद्योगिक विकास को गति देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई महत्वाकांक्षी प्लेज पार्क योजना जनपद में नए अवसर उपलब्ध करा रही है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग की इस योजना के तहत निजी भूमि पर औद्योगिक पार्क स्थापित किए जाएंगे। यह पार्क निजी प्रवर्तकों द्वारा निर्माण, स्वामित्व और संचालन के आधार पर चलाए जाएंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
निजी भूमि पर विकसित होंगे औद्योगिक पार्क
जिले में 10 से 15 एकड़ तक निजी भूमि पर औद्योगिक पार्क विकसित किए जाएंगे। इच्छुक व्यक्ति या समूह अपनी निजी भूमि उपलब्ध करा सकते हैं। शासन की ओर से प्रति एकड़ भूमि पर 50 लाख रुपये तक का ऋण पहली तीन वर्ष की अवधि के लिए केवल 1 प्रतिशत ब्याज पर दिया जाएगा। इस धनराशि का उपयोग दीवार निर्माण, सड़क निर्माण, पार्क तथा अन्य आधारभूत सुविधाओं में किया जाएगा।
50 लाख रुपये तक का एक प्रतिशत ब्याज पर दिया जाएगा ऋण
योजना के अनुसार विकसित प्लेज पार्क की 75 प्रतिशत भूमि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम इकाइयों के लिए आरक्षित रहेगी। 10 एकड़ भूमि पर बनने वाले पार्क में न्यूनतम 10 इकाइयों की स्थापना अनिवार्य होगी, जबकि 25 एकड़ होने पर 25 इकाइयां स्थापित की जाएंगी। प्रस्तावित भूमि राज्य सरकार के पक्ष में गिरवी रखी जाएगी। पार्क में भूखंडों का आवंटन, संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी निजी प्रवर्तक की होगी।
प्रशासन की ओर से पूर्ण सहयोग दिया जाएगा
उपायुक्त उद्योग प्रेमकांत ने बताया कि औद्योगिक इकाइयों को बढ़ावा देने, निवेश आकर्षित करने और रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन की ओर से पूर्ण सहयोग दिया जाएगा। प्लेज पार्क की स्थापना के लिए निजी विकासकर्ता को निर्धारित प्रारूप पर आवेदन कार्यालय उपायुक्त उद्योग में जमा करना होगा। आवेदन के साथ परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट की चार प्रतियां, भूमि स्वामित्व से जुड़े अभिलेख, क्षेत्र का नक्शा, मुख्य मार्ग से संपर्क और बिजली आपूर्ति की जानकारी देना अनिवार्य होगा।
एमएसएमई नीति–2022 के अंतर्गत स्टाम्प शुल्क सहित सभी सुविधाएं निजी प्रवर्तकों को प्रदान की जाएंगी। उद्यमियों, औद्योगिक संगठनों तथा रेरा में पंजीकृत प्रमोटरों से कहा है कि योजना की जानकारी लेकर अपने प्रस्ताव शीघ्र कार्यालय में प्रस्तुत करें। |