EPFO Pension: 2030 में रिटायर होने वाले प्राइवेट नौकरी वालों को कितनी मिलेगी पेंशन, कैसे होता है कैलकुलेशन?
नई दिल्ली। अगर आप एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं और आपका पीएफ कटता है तो आप EPS योजना के तहत पेंशन पाने के हकदार है। इस योजना को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) चलाती है। आपकी सैलरी का कुछ हिस्सा कंपनी काटती है और ईपीएफ में जमा करती है। इसी से आपके पेंशन का निर्धारण होता है।
साथ ही साथ कंपनी भी आपके हिस्से के बराबर आपके पीएफ में योगदान देती है। लेकिन उसका एक हिस्सा ईपीएस यानी इम्प्लॉईज पेंशन स्कीम में जाता है। अगर आप एक निश्चित समय तक नौकरी करते हैं और आपका पीएफ कटता है तो आप एक उम्र के बाद पेंशन पाने के योग्य हो जाते हैं। आज हम जानेंगे कि अगर कोई प्राइवेट कर्मचारी 2030 में रिटायर हो रहा है तो उसे कितने रुपये की पेंशन मिलेगी। आइए जानते हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
EPS Pension Eligibility । पेंशन पाने की पात्रता
- EPS के तहत कम से कम 10 साल की पेंशन योग्य सेवा।
- 58 साल की उम्र में पेंशन के लिए योग्य, 50 साल की उम्र से जल्दी पेंशन (कम) या 58 साल के बाद देरी से पेंशन (ज्यादा) का विकल्प।
कैसे होता है EPS के तहत पेंशन पाने का कैलकुलेशन?
इम्प्लॉईज पेंशन स्कीम (EPS) का मुख्य फॉर्मूला है मासिक पेंशन = (पेंशन योग्य सैलरी × पेंशन योग्य सर्विस) / 70
- पेंशन योग्य सैलरी: आपकी पिछले 60 महीनों की बेसिक सैलरी + महंगाई भत्ते का औसत।
- सैलरी कैप: पेंशन कैलकुलेशन के लिए ₹15,000 प्रति माह।
- पेंशन योग्य सर्विस: EPS के तहत योगदान किए गए कुल साल (अधूरे सालों के लिए राउंड अप किया जाएगा, अधिकतम 35 साल)।
यह फॉर्मूला EPFO द्वारा आपकी सर्विस और सैलरी हिस्ट्री के आधार पर सही पेंशन सुनिश्चित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
2030 में हुए रिटायर तो कितनी मिलेगी पेंशन?
मान लीजिए रमेश नाम का एक कर्मचारी 2030 में रिटायर होगा। 2030 ततक उसकी कुल सर्विस 25 साल की होगा। तो उस हिसाब से उसे कितनी पेंशन मिलेगी? नीचे हमनें उसी को कैलकुलेट किया है।
पेंशन योग्य सैलरी = ₹15,000
पेंशन योग्य सर्विस = 25 साल
कैलकुलेशन: 15,000 × 25 ÷ 70 ≈ ₹5,357 प्रति महीना
यानी इस हिसाब से रमेश को प्रतिमाह 5,357 रुपये की पेंशन मिलेगी। लेकिन यह पेंशन 58 साल की उम्र से शुरू होगी। लेकिन अगर आप 50 साल की उम्र से पेंशन का विकल्प चुनते हैं तो आपकी पेंशन 4% कम हो जाएगी। वहीं, 58 साल के बाद पेंशन को टालने पर (60 साल तक) रकम हर साल लगभग 4% बढ़ जाती है।
सरकार ने पेंशन को लेकर संसद में दी अहम जानकारी
सरकार ने संसद में बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) 1995 के तहत ज्यादा पेंशन पाने के लिए ज्यादा योगदान देने वाली लगभग 99 प्रतिशत अर्जियों को प्रोसेस कर दिया है। श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि EPFO ने 4 नवंबर, 2022 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले में दिए गए निर्देशों को तय समय सीमा के अंदर लागू करने के लिए कदम उठाए हैं।
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केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने साफ किया है कि 21 नवंबर को सोशल सिक्योरिटी कोड और तीन अन्य कोड लागू होने के बाद, प्रॉविडेंट फंड में मालिकों और कर्मचारियों का ₹15,000 की तय मासिक वेतन सीमा से ज्यादा का योगदान स्वैच्छिक है। |