दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (DDA) ने पुरानी हाउसिंग सोसाइटियों को रीडेवलप करने का प्रोसेस शुरू कर दिया है। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। DDA (दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने पुरानी और जर्जर ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों को रीडेवलप करने का प्रोसेस शुरू कर दिया है। DDA की बुलाई मीटिंग में रोहिणी ग्रुप हाउसिंग सोसायटी, मैनेजमेंट कमेटी और RWA ने अपने सुझाव दिए। लोगों ने सोसायटी के रीडेवलपमेंट प्लान का स्वागत किया और इसे जल्द लागू करने की मांग की। नगर पार्षद और निगम की लीगल कमेटी की चेयरपर्सन रितु गोयल ने 70 परसेंट सहमति की शर्त को सही बताया, लेकिन यह भी सुझाव दिया कि यह पक्का किया जाए कि 30 परसेंट की वजह से कोई रुकावट न आए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
DDA ने पुरानी और जर्जर ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों की रीडेवलपमेंट पॉलिसी पर चर्चा करने और सुझाव मांगने के लिए दिल्ली भर के RWA, कॉर्पोरेट ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों, डेवलपर्स, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स, नगर निगमों और दूसरे स्टेकहोल्डर्स के साथ बातचीत की। DDA के वाइस चेयरमैन एन. सरवन कुमार, दिल्ली नगर निगम के अधिकारी और कोऑपरेटिव सोसाइटीज के रजिस्ट्रार भी शामिल हुए।
रोहिणी फेडरेशन के एक डेलीगेशन ने अपने प्रेसिडेंट आर्य मुनि के नेतृत्व में हिस्सा लिया। फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी डॉ. एस.एल. सागर ने सोसाइटियों की ऑटोनॉमी बनाए रखने का सुझाव दिया और रीडेवलपमेंट के बड़े खर्च को देखते हुए मेंबरशिप बढ़ाने की इजाज़त मांगी। रोहिणी फेडरेशन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट हर्ष जिंदगर ने DDA वाइस चेयरमैन से रीडेवलपमेंट से जुड़ी सभी सरकारी ज़रूरी फॉर्मैलिटीज़ के लिए सिंगल-विंडो क्लीयरेंस देने की रिक्वेस्ट की, ताकि सोसाइटियां ब्रोकर्स और बिल्डर्स के नेक्सस में न फंसें।
99 परसेंट लोग रीकंस्ट्रक्शन के पक्ष में: रितु गोयल
रोहिणी इलाके की म्युनिसिपल काउंसलर और म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की लीगल कमेटी की चेयरपर्सन रितु गोयल ने इलाके की सोसाइटी, मैनेजमेंट कमेटी और RWA अधिकारियों के साथ DDA मीटिंग में हिस्सा लिया और सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि ज़्यादातर सोसाइटियां 40 साल या उससे ज़्यादा पुरानी हैं, और उनका रीडेवलपमेंट ज़रूरी है। लोग पार्किंग, सोलर प्लांट और स्विमिंग पूल जैसी सुविधाएं चाहते हैं।
दिल्ली को स्मार्ट सिटी बनाने का सपना तभी पूरा होगा जब पुरानी सोसाइटियों का रीडेवलपमेंट होगा। उन्होंने कहा कि 99 परसेंट सोसाइटियां रीडेवलपमेंट के पक्ष में हैं। नए कंस्ट्रक्शन से FAR बढ़ेगा और सुविधाएं बढ़ेंगी। उन्होंने एक ऐसी पॉलिसी का सुझाव दिया जिसमें सदस्यों और मौजूदा मैनेजमेंट कमिटी के अधिकार बने रहें।
मधुबन अपार्टमेंट्स के रहने वाले अतुल सिंघल ने DDA वाइस प्रेसिडेंट को एक लेटर लिखा है, जिसमें सुझाव दिया गया है कि यह अपार्टमेंट दिल्ली की सबसे पुरानी ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों में से एक है। यहां के घर पुरानी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके बनाए गए हैं और उनकी उम्र पूरी हो चुकी है।
इन टूटे-फूटे घरों में अक्सर बालकनी और छत से कंक्रीट और प्लास्टर गिरने की खबरें आती हैं। सभी घरों की हालत खतरनाक है, जिससे जान-माल का बड़ा नुकसान हो सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों के लिए एक जनरल एमनेस्टी स्कीम को नए प्लान में शामिल किया जाए। दिल्ली की ज़्यादातर हाउसिंग सोसाइटियां गड़बड़ियों या कानूनी उलझनों से भरी हुई हैं, जिसके कारण हजारों कोर्ट केस पेंडिंग हैं।
AAP एमनेस्टी स्कीम को इन सभी मुद्दों का एक बार का समाधान देना चाहिए, जिससे इन सोसाइटियों में रहने वाले सभी लोगों को मालिकाना हक मिल सके। इससे कोर्ट पर केस का बोझ भी कम होगा। |