प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नोएडा। सीबीआई ने नोएडा से संचालित हो रहे अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम नेटवर्क का किया पर्दाफाश किया है। जांच एजेंसी टीम ने छह साइबर ठगों को गिरफ्तार किया। आरोपितों पर ग्रेटर नोएडा के बीटा दो व नाॅलेज पार्क थाना क्षेत्र से काबू पाना बताया जा रहा है। आरोपितों के पास 1.88 करोड़ रुपए, मोबाइल, लैपटाप समेत 34 इलेक्ट्रानिक उपकरण बरामद किए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ऑपरेशन चक्र के तहत बड़ी सफलता
बता दें कि आरोपितों पर तीन साल से सक्रिय होकर अमेरिकी नागरिकों से 8.5 मिलियन डाॅलर की ठगी में शामिल होने का आरोप है। वह साइबर सिडिंकेट अपराध की कमाई को वर्चुअल एसेट्स और अंतरराष्ट्रीय बैंक ट्रांसफरों के ज़रिये एक देश से दूसरे देश में भेज रहे थे। बता दें कि यह कार्रवाई ऑपरेशन चक्र के तहत बड़ी सफलता है।
सक्रिय साइबर क्राइम नेटवर्क संचालित हो रहा
साइबर ठगों का नेटवर्क पुलिस से लेकर जांच एजेंसियों के लिए भी चुनौती बना हुआ है। इसके चलते साइबर क्राइम के मामलों में कार्रवाई का दायरा सीबीआई तक भी बढ़ाया गया है। सीबीआई को विदेशी जांच एजेंसी एफबीआई से इनपुट मिला कि नोएडा समेत दिल्ली व काेलकाता में बैठकर साइबर ठग अमेरिकी नागरिकों से साइबर ठगी कर रहे हैं। देश के अंदर से ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय साइबर क्राइम नेटवर्क संचालित हो रहा है।
अवैध काॅल सेंटर से छह आरोपितों को दबोचा
सीबीआई टीम ने दिल्ली, नोएडा तथा कोलकाता में कई स्थानों पर छापेमारी की। नोएडा में चल रहे एक अवैध काॅल सेंटर से छह आरोपितों को दबोचा। आरोपितों की पहचान शुभम सिंह उर्फ डामनिक, डाल्टनलियन उर्फ माइकल, जार्ज टी. ज़ामलियनलाल उर्फ माइल्स, एल. सेइमिनलन हाओकिप उर्फ रोनी, मंगखोलुन उर्फ मैक्सी व राबर्ट थांगखान्खुआल उर्फ डेविड उर्फ मुनरोइन के रूप में हुई।
पूछताछ में सामने आया कि वह एफबीआइ, ड्रग एनफोरसमेंट व सोशल सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन जैसी एजेंसी के कथित स्टाफ व अधिकारी बनकर बात करते। पीड़ितों के सोशल सिक्योरिटी नंबर (एसएसएन) का इस्तेमाल ड्रग डिलीवरी और मनी लांड्रिंग में होने और गिरफ्तारी डर दिखाते।
अंतिम गंतव्य की जांच कर रही
इस डर का फायदा उठाकर पीड़ितों से लाखों डाॅलर, क्रिप्टो करेंसी वाॅयलेट्स और विदेशी बैंक खातों में ट्रांसफर कराने के लिए मजबूर करते थे। पुलिस आरोपितों से मिले बैंक खातों और संपत्तियों को फ्रीज कराने की कार्रवाई कर रही है। नेटवर्क से जुड़े अन्य साथियों, विदेशी खातों और धन के अंतिम गंतव्य की जांच कर रही है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से अहम जानकारी मिलने की उम्मीद है।
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