नौलखा हार: एक मराठा राजा के लिए बना अनमोल रत्न
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। खूबसूरती बढ़ाने के लिए आभूषणों का इस्तेमाल सदियों से किया जा रहा है। वर्तमान में जहां आभूषणों को सिर्फ महिलाओं से जोड़कर देखा जाता है, वहीं पुराने समय में राजा-महाराजा भी खुद को आभूषणों से सजाते थे। आमतौर पर आभूषणों को रानियों के लिए बनाया जाता था, लेकिन एक हार ऐसा भी है, जिसे राजा के लिए तैयार किया गया था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कहानी गहनों की इस सीरीज में आज हम ऐसे ही एक हार की बात करेंगे, जिसका नाम आपने कई बार सुना होगा। हालांकि, अभी भी कई लोग इसके बारे में ठीक से नहीं जानते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे क्या होता है नौलखा हार और क्या है इसका इतिहास-
नौलखा हार का इतिहास
हम सभी ने कभी न कभी दादा-नानी के किस्से-कहानियों में कई बार नौलखा हार का नाम सुना होगा, लेकिन शायद ही कभी किसी ने आपको इसकी कहानी बताई होगी। नौलखा हार जैसा कि नाम से ही पता चलता है, एक ऐसा हार जिसकी कीमत नौ लाख हो। यह एक प्रसिद्ध हार है, जिसे मूल रूप से पेशवा बाजीराव प्रथम ने बनवाया था। इस हार को इसका नाम इसकी कीमत से ही मिला है।
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दरअसल, पेशवा बाजीराव प्रथम ने इस हार को नौ लाख रुपये में बनवाया था और इसी से इसका नाम “नौलखा“ (नौ लाख) पड़ा। इस हार की खासियत यह थी कि इसे दुनिया के सबसे शानदार हारों में एक माना जाता था। इसे मोती, पन्ना और हीरे जैसे बेशकीमती रत्नों के साथ बनाया जाता था। ये हार लंबे समय तक पेशवाओं और मराठाओं के पास रहा और फिर बाद में यह दरभंगा राज के शाही आभूषणों का हिस्सा बन गया, जिसे अंततः बेच दिया गया।
‘नौलखा हार’ की खासियत
आमतौर पर नौलखा हार को नौ लाख की कीमत से जोड़कर देखा जाता है। हालांकि, इसका यह नाम इसकी खास बनावट को भी बताता है। दरअसल, बेशकीमती हार को बनाने के लिए हीरे, नीलम, पन्ना और अन्य कई कीमती पत्थरों का इस्तेमाल किया जाता था। यह एक तरह का जड़ाऊ आभूषण होता है, जिसमें मीनाकारी का अच्छा काम किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस हार को बनाने के लिए नौ तरह के रत्नों का इस्तेमाल किया जाता था और इसी लिए इसे नौलखा हार कहा जाने लगा।
आज कितनी होगी नौलखा हार की कीमत?
समय के साथ नौलखा हार का प्रचलन में कम होने लगा है, लेकिन बात करें अगर इसकी कीमत की, तो वर्तमान में इसकी कीमत नौ लाख से ज्यादा हो चुकी है। उस समय का नौ लाख आज की तारीख में अंदाजन 250 से 300 करोड़ रुपए का हो सकता है।
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