मीटर रीडरों की लापरवाही से ‘राहत’ से वंचित हो रहे उपभोक्ता।
जागरण संवाददाता, अयोध्या। विद्युत वितरण खंड-दो के एक उपभोक्ता का एक किलोवाट क्षमता का वाणिज्यिक विद्युत कनेक्शन है। उन्होंने 31 मार्च 2025 में अंतिम बार दस हजार रुपये जमा किए थे। तबसे वह निगम की छूट योजना का इंतजार कर रहे थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एक दिसंबर को बिजली बिल राहत योजना लांच हुई तो वह कनेक्शन नंबर लेकर बिजली कार्यालय गए। उन्हें बताया गया कि वह अंडर बिल आउटलियर की वजह से योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं।
यानी प्रति किलोवाट क्षमता पर उनका बिल प्रतिमाह 144 यूनिट से कम बन रहा है। उपभोक्ता ने कहाकि मीटर रीडर घर पर नहीं आता है तो हर महीने बिल कैसे बनेगा, लेकिन अभियंता भी कुछ नहीं कर पाए।
इसी तरह मिल्कीपुर वितरण खंड क्षेत्र के एक उपभोक्ता का घरेलू कनेक्शन दो किलोवाट क्षमता का है। उन्होंने एक वर्ष से बिल का भुगतान नहीं किया है। योजना आने पर भुगतान के लिए वह काउंटर पर पहुंचे तो पता चला कि वे पात्र नहीं हैं।
परेशान उपभोक्ता ने निगम के अभियंताओं से पूछा तो बताया गया कि बिल कम बनने के कारण ऐसा हुआ है। उन्होंने भी मीटर रीडर के नियमित नहीं आने की गुहार लगाई, पर कुछ नहीं हुआ।
राहत योजना 2025-26 में दो श्रेणी के उपभोक्ताओं को शामिल करने से ज्यादातर इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं। जिन उपभोक्ताओं का निर्धारित क्षमता से कम यूनिट का बिल बना है, उनका आवेदन सिस्टम एडाप्ट नहीं कर रहा है।
जिन उपभोक्ताओं का बिल क्षमता से बहुत अधिक बना है, उनके बिल में सुधार स्थानीय अधिकारियों की जांच रिपोर्ट पर मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के मुख्यालय लखनऊ स्तर से किया जा रहा है।
समय से बिल जमा करने वाले उपभोक्ता आवाक
राहत योजना में उन उपभोक्ताओं को शामिल किया गया है, जिन्होंने 31 मार्च 2025 से पहले बिल जमा किया है। यानी अप्रैल से अब तक नियमित बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं को लाभ नहीं मिल रहा है। इस कारण नियमित बिल चुकाने वाले उपभोक्ता हैरान हैं। यद्यपि अब 30 नवंबर तक एक बार भी बिल जमा करने वाले नेवर पेड उपभोक्ताओं को भी शामिल कर लिया गया है, परंतु लांग अनपेड को लाभ नहीं मिलेगा।
सामाजिक कार्यकर्ता वेदप्रकाश राजपाल ने कहाकि हम हर महीने समय से बिल जमा करते हैं। हमें और ज्यादा लाभ मिलना चाहिए, लेकिन फायदा उन्हें दिया जा रहा, जो बिल ही नहीं जमा करते हैं। निगम के इस निर्णय से नियमित भुगतान करने वालों का मनोबल गिरा है। ऐसे उपभोक्ता, जिनके बिजली बिल कनेक्शन की निर्धारित क्षमता से कम यूनिट के हैं, वे अंडर बिल आउटलियर में आते हैं। इस कारण उनके आवेदन पर परिसर की जांच करके रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जा रही है। वहां से सहमति प्राप्त होने के बाद उन्हें राहत योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा। योजना के नियम मुख्यालय स्तर से बनाए गए हैं, इसलिए स्थानीय स्तर पर कोई छूट नहीं दी जा सकती है।
-विनय कुमार, अधीक्षण अभियंता, विद्युत वितरण क्षेत्र, अयोध्या। |