सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।
जागरण संवाददाता, आगरा। हर साल लाखों लोगों की मौत सड़क हादसों में देश में होती है। वर्ष 2024 में एक लाख 77 हजार 177 व्यक्तियों की जान देशभर में हुए सड़क हादसों में चली गई। उत्तर प्रदेश में मरने वालों की संख्या 24 हजार 118 है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मरने वाले सात व्यक्तियों में एक उत्तर प्रदेश का है। पूरे देश में 4,87,705 सड़क हादसे हुए। वहीं उत्तर प्रदेश में 46,052 हादसे हुए। जो कुल हादसों का 9.44 प्रतिशत है। सबसे अधिक मौतें हेलमेट और सीट बेल्ट न लगाने व ओवर स्पीड के कारण हुईं।
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता व रोड सेफ्टी एक्टिविस्ट केसी जैन ने आंकड़ों की जानकारी देते हुए बताया कि 2020 से 2024 के बीच उत्तर प्रदेश में सड़क हादसे बढ़े हैं। बीते वर्षों की तुलना में वर्ष 2024 में सड़क हादसों की संख्या बढ़ी है।
वर्ष 2020 में देशभर में 1,38,383 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई। वर्ष 2021 में 1,53,972, वर्ष 2022 में 1,68,491, वर्ष 2023 में 1,72,890, वर्ष 2023 में 1,72,890 व वर्ष 2024 में देशभर में 1,77,177 लोगों की मौत सड़क हादसों में हुई।
वर्ष 2024 में मौत का आंकड़ा 2.47 प्रतिशत बढ़ गया। वर्ष 2023 में 4,80,583 सड़क हादसे हुए, जबकि वर्ष 2024 में 4,87,705 सड़क हादसे हुए। वर्ष 2023 की तुलना में वर्ष 2024 में सड़क हादसों की संख्या में 1.48 प्रतिशत ही वृद्धि हुई।
दोपहिया वाहन चालकों व सवारियों द्वारा हेलमेट न पहनने के कारण वर्ष 2024 में 54,493 लोगों की मौत हुई। वर्ष 2024 में ओवर स्पीड के कारण प्रदेश में 12,010 मौतें हुईं, जबकि वर्ष 2023 में 8726 व्यक्तियों की मौत हुई थीं।
वर्ष 2024 में ओवरलोडिंग के कारण 3294 मौतें व 6340 सड़क हादसे हुए।
सड़क हादसों में उत्तर प्रदेश की स्थिति
- कुल सड़क हादसों में मृत्यु में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
- ओवरलोडिंग से होने वाली दुर्घटनाओं और मौतों में भी उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है।
- सीट बेल्ट न पहनने से होने वाली मौतों में भी उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर है।
- ओवर स्पीड से होने वाली मौतों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है।
- बिना ड्राइविंग लाइसेंस वाहन चलाने से होने वाली दुर्घटनाओं में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है।
- हेलमेट न पहनने के कारण होने वाली मौतों में उत्तर प्रदेश चौथे स्थान पर है।
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