जसुपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, पटना। जन सुराज पार्टी (जसुपा) के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने गुरुवार को जारी बयान में कहा है कि कई दिनों से देखा जा रहा है कि पार्टी के कई नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के नाम पर फर्जी अकाउंट में इंटरनेट मीडिया के माध्यम से मदद की मांग की रही है। भारती ने फर्जी अकाउंट में लोगों से पैसा एवं मदद मांगने वालों से सतर्क रहने की अपील की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन्होंने कहा है कि विशेषकर वाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर मनोज भारती की फोटो लगाकर लोगों से पैसे मांग रहे हैं या संगठन के नाम पर झूठे लालच दिए जा रहे हैं। भारती ने कहा है कि जन सुराज किसी से भी फोन या मैसेज कर पैसे नहीं मांगता है।
ये लोग न सिर्फ साइबर फ्राड कर रहे हैं बल्कि जानबूझकर जन सुराज की छवि खराब करने की साजिश भी रच रहे हैं। सभी से निवेदन है इस प्रकार के किसी काल या मैसेज से भ्रम में न आएं और अविलम्ब हमें या नजदीकी साइबर सेल/थाना में सूचित करें। भारती ने इस संबंध में एक्स पर भी पोस्ट किया है।
ई-ग्राम स्वराज पोर्टल से पंचायतों की जा रही मानीटरिंग: मंत्री
बिहार के त्रिस्तरीय पंचायतों में संचालित योजनाओं की ई-ग्राम स्वराज पोर्टल के माध्यम से व्यय, प्रगति एवं वित्तीय लेनदेन की रियल-टाइम निगरानी की जा रही है।राज्यसभा में सांसद डा. भीम सिंह के प्रश्न के उत्तर में गुरुवार को केंद्रीय पंचायतीराज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने सदन को यह जानकारी दी।
मंत्री सदन को बताया कि वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक बिहार को 15वें वित्त आयोग के तहत बड़ी मात्रा में अनुदान आवंटित और जारी किया गया है, जिसमें 2022-23 में 4109.01 करोड़, 2023-24 में 3842 करोड़ और 2024-25 में 3855.33 करोड़ रुपये जारी किए गए।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि इन अनुदानों के उपयोग हेतु दो घटक बेसिक (अनटाइड) और टाइड निर्धारित हैं, जिनके अंतर्गत पेयजल, स्वच्छता, सड़क मरम्मत, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और सार्वजनिक भवनों के निर्माण जैसे कार्य प्राथमिकता में सम्मिलित है।
मंत्री ने कहा कि पंचायतों का संचालन संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार राज्य सूची में आता है, इसलिए पंचायतों के विकास, अधिकार, संसाधनों और उनकी जवाबदेही से जुड़े विषय मुख्यतः राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत सरकार की आकांक्षी जिला कार्यक्रम जैस पहले बिहार सहित 26 राज्यों में 112 जिलों में निगरानी और सुधार सुनिश्चित कर रही हैं, जिनमें बिहार के 13 जिले सम्मिलित हैं। अररिया, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, गया, जमुई, कटिहार, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, नवादा, पूर्णिया, शेखपुरा एवं सीतामढ़ी है।
खाद की कालाबजारी को शासन-प्रशासन दे रहा संरक्षण: राजद
राजद के प्रदेश प्रवक्ता अरुण यादव ने आरोप लगाया है कि नीतीश-भाजपा सरकार में सत्ता संरक्षित खाद की कालाबाजारी, जमाखोरी, मिलावटी करने वाले दुकानदारों, एवं माफियाओं की पूरे बिहार में बल्ले-बल्ले है।
नवगछिया, खरीक, बिहपुर, नारायणपुर सहित अन्य बाजारों में खाद दुकानदार सरकारी निर्धारित कीमतों से अधिक कीमतों में यूरिया और डीएपी बेच रहे हैं। सरकार तत्काल मामले का संज्ञान लेकर किसानों का दोहन शोषण बंद कराए। खाद की कालाबाजारी, जमाखोरी करने वाले दुकानदारों और माफिया पर अविलंब कठोर कर्रवाई करे। |