जागरण संवाददाता, वाराणसी । पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुरुवार को काशी में देश के पहले स्वदेशी हाइड्रोजन ईंधन-सेल जलयान के वाणिज्यिक संचालन की शुरुआत की। सोनोवाल ने कहा कि प्रदेश में जलमार्ग विकास के लिए 300 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं, जबकि आने वाले वर्षों में लगभग 2,200 करोड़ की योजनाएं शुरू की जाएंगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
हाइड्रोजन पोत पहल पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत के अंतर्देशीय जलमार्गों के आधुनिकीकरण का हिस्सा है, जिन्होंने स्वच्छ परिवहन, बेहतर कनेक्टिविटी और सार्वजनिक सुविधा को बढ़ाने को प्राथमिकता दी है। वह हाइड्रोजन जलयान को हरी झंडी दिखाने से पहले नमो घाट पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हाइड्रोजन-संचालित पोत देश की बढ़ती तकनीकी क्षमता और टिकाऊ ऊर्जा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह सिर्फ तकनीकी प्रगति नहीं, बल्कि संकेत है कि हरित ऊर्जा और स्वदेशी समाधानों की ओर आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहे हैं।
चीन, नार्वे, नीदरलैंड और जापान जैसे देशों के साथ खड़ा भारत
गौरव का विषय है कि भारत अब चीन, नार्वे, नीदरलैंड और जापान जैसे देशों के साथ खड़ा हो गया है जो हाइड्रोजन-चालित पोतों का संचालन करते हैं। हाइड्रोजन इंजन उभरती हुई तकनीक है, जो लगभग शून्य उत्सर्जन के साथ स्वच्छ, टिकाऊ ऊर्जा प्रदान करती है, हालांकि व्यावसायिक रूप से पूरी तरह अपनाने के पहले अनुसंधान और परीक्षण जारी हैं।
बीते एक दशक में राष्ट्रीय जलमार्गों की संख्या पांच से बढ़कर 111 हो गई है। अंतर्देशीय जलमार्गों पर कार्गो यातायात 2014 में 80 मिलियन (आठ करोड़) टन से बढ़कर 145 मिलियन (14.5 करोड़) टन से अधिक हो गया है। 13 जलमार्गों पर पर्यटन गतिविधियां चालू हैं। इस परिवर्तन की नींव जलमार्ग विकास परियोजना ने रखी थी, जिसने मल्टीमाडल टर्मिनलों, उन्नत उपकरणों और सामुदायिक घाटों के साथ राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर हल्दिया से वाराणसी तक आधुनिक नेविगेशन कारिडोर बनाया।
मंत्रियों और अधिकारियों ने नमोघाट से ललिता घाट तक किया
जलयान से केंद्रीय जलमार्ग मंत्री समेत परिवहन राज्यमंत्री दयाशंकर सिंह, आयुष, खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन राज्यमंत्री दयाशंकर मिश्रा \“दयालु\“ और स्टांप एवं न्यायालय शुल्क व पंजीकरण राज्य मंत्री रवींद्र जायसवाल और अधिकारियों ने नमो घाट से ललिता घाट तक गंगा में पांच किलोमीटर की यात्रा की। जलयान वाटर टैक्सी के रूप में सुबह दस बजे से रात आठ बजे तक नमोघाट से रविदासघाट के बीच चलाया जाएगा।
कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने इसे डिजाइन और निर्माण किया है। पूरी तरह वातानुकूलित 24 मीटर लंबे जलयान में 50 यात्रियों को बैठने की क्षमता है। 6.5 समुद्री मील की अधिकतम गति होगी। हाईब्रिड ऊर्जा प्रणाली में हाइड्रोजन ईंधन सेल, बैटरी और सौर ऊर्जा का संयोजन है। एक बार हाइड्रोजन भरने पर यह आठ घंटे तक चल सकेगा।
यात्रियों और तीर्थयात्रियों के लिए शोर-मुक्त यात्रा की सुविधा मिलेगी। धुआं मुक्त, प्रदूषण मुक्त और जलमार्गों के माध्यम से तेज आवागमन से सड़क पर भीड़भाड़ में कमी आएगी, स्थानीय पर्यटन और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा मिलेगा। |