आईएएस संतोष वर्मा (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, भोपाल। अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ (अजाक्स) के प्रदेश अध्यक्ष और आइएएस अधिकारी संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मण बेटियों को लेकर की गई असभ्य टिप्पणी से उठा विवाद शांत होता नजर नहीं आ रहा है। ब्राह्मण समाज जहां एकजुट होकर संतोष के विरुद्ध कार्रवाई पर अड़ा है तो भीम आर्मी और जय युवा आदिवासी संगठन (जयस) जैसे संगठन संतोष वर्मा के समर्थन में उतर आए हैं। 65 ब्राह्मण संगठनों ने गुरुवार को भोपाल में बैठक करके चरणबद्ध आंदोलन घोषित किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मंत्रियों ने भी किया विरोध
संतोष वर्मा ने बाह्मण बेटियों को लेकर जो असभ्य बयान दिया, उसका विरोध प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला, मंत्री इंदर सिंह परमार, भाजपा-कांग्रेस के सांसद-विधायकों के साथ ब्राह्मण और कर्मचारी संगठन कर चुके हैं। प्रदेशभर में अलग-अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। संतोष ने सामान्य प्रशासन विभाग को नोटिस का जो जवाब दिया उसे भी परीक्षण की प्रक्रिया में उलझाकर रखा गया है।
भीम आर्मी, आदिवासी संगठन समर्थन में
उधर, संतोष के समर्थन में भीम आर्मी प्रमुख और सांसद चंद्रशेखर दतिया में कह गए कि हर घर से संतोष वर्मा निकलेगा। आदिवासियों के संगठन और अजाक्स की जिला इकाइयां भी समर्थन जता रही हैं। इससे सामाजिक वातावरण बिगड़ रहा है। मंत्रालय से लेकर अन्य कार्यालयों में दो स्पष्ट लाइनें नजर आने लगी हैं। पहले से ही पदोन्नति में आरक्षण के विषय को लेकर मतांतर है। इसकी लड़ाई हाई कोर्ट में चल रही है। संतोष के बयान ने इसे और हवा दे दी है।
ब्राह्मण संगठनों ने बनाया संयुक्त मोर्चा
गुरुवार को भोपाल में एकत्र हुए 65 ब्राह्मण संगठन ने विचार विमर्श कर संयुक्त मोर्चा का गठन किया। मंत्रालय सेवा अधिकारी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक और कर्मचारी मंच के अशोक पांडे ने बताया कि शुक्रवार को दोपहर में मंत्रालय के बाहर और शाम को महाराणा प्रताप की प्रतिमा के समक्ष शंख बजाकर सरकार से संतोष वर्मा के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की जाएगी। 14 दिसंबर को मुख्यमंत्री आवास का घेराव होगा। 15 दिसंबर को प्रदेश बंद का आह्वान किया जाएगा। वहीं, प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक का कहना है कि भाजपा कार्रवाई करना ही नहीं चाहती।
सिविल जज परीक्षा में एससी-एसटी से चयन नहीं होने पर उठाए सवाल
इस बीच, संतोष वर्मा का एक और वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है। यह भी अजाक्स के प्रांतीय अधिवेशन में उनके संबोधन का हिस्सा है। वीडियो में वह कह रहे हैं कि हमारे समाज का व्यक्ति आइएएस, आइपीएस, राज्य प्रशासनिक सेवा से डिप्टी कलेक्टर-डीएसपी बन सकता है लेकिन सिविल जज नहीं। आखिर ऐसी क्या पात्रता है, जो हमारे समाज का व्यक्ति सिविल जज नहीं बन सकता। जब हमारा बीज ही खत्म कर दिया तो न्याय की उम्मीद किससे करोगे। |
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