जागरण संवाददाता, गोरखपुर। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे एक छात्र से सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर पांच लाख रुपये की ठगी का मामला प्रकाश में आया है। ठगों ने न केवल उससे पैसे लिए, बल्कि लखनऊ बुलाकर फर्जी प्रशिक्षण भी कराया। छात्र ने 10 वर्षों तक नौकरी के लालच में दौड़-भाग की, लेकिन जब सच्चाई सामने आई, तो उसने रुपये वापस मांगे। इसके बाद आरोपितों ने उसे जान से मारने की धमकी दी। रामगढ़ताल थाना पुलिस ने तीन आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
यह घटना वर्ष 2015 में शुरू हुई। प्रज्ञानगर नई कालोनी में रहने वाले देव प्रकाश पांडेय प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। इसी दौरान उनके रिश्तेदार प्रभाकर मिश्र उर्फ रिंकू, जो भरोहिया (पीपीगंज) के निवासी हैं, ने उनसे संपर्क किया और कहा कि सचिवालय में उसकी जान पहचान है।
प्रभाकर ने विश्वास दिलाया कि वह पांच लाख रुपये में उन्हें सचिवालय में नौकरी दिला देगा। देव प्रकाश ने पहले तो इनकार किया, लेकिन रिश्तेदारी और भरोसे के चलते वह ठगी के जाल में फंस गए। प्रभाकर ने देव प्रकाश की मुलाकात शाहपुर के कृष्णा नगर कालोनी में रहने वाले अखिलेश दूबे से कराई। दोनों ने मिलकर देव प्रकाश के सभी प्रमाणपत्रों की फोटो कापी मांगी और कुछ दिनों बाद एक फर्जी नियुक्ति पत्र जारी कर दिया। नियुक्ति पत्र की भाषा, लेटरहेड और हस्त विभाग का नाम देखकर देव प्रकाश को लगा कि यह वास्तविक दस्तावेज़ है। इसके बाद आरोपितों ने पहली किस्त के रूप में 1.49 लाख रुपये अलग-अलग खातों में जमा कराए।
कुछ समय बाद आरोपित उसे लखनऊ ले गए, जहां फर्जी ‘सचिवालय अधिकारी’ से मुलाकात कराई। बाद में पता चला कि जिसे सचिवालय अधिकारी बताया गया, वह देवरिया का निवासी दुर्गेश पांडेय है। नियुक्ति फाइनल करने के लिए 3.50 लाख रुपये लेकर आरोपित उसे लखनऊ के सीएमएस कालेज के पास स्थित कंप्यूटर सेंटर ले गए और तीन से चार दिन का प्रशिक्षण कराया। जब उसने नियुक्ति के बारे में पूछा, तो आरोपित टालमटोल करने लगे।
पीड़ित की शिकायत पर रामगढ़ताल थाना पुलिस ने प्रभाकर मिश्र उर्फ रिंकू, अखिलेश दूबे और दुर्गेश पांडेय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। सीओ कैंट योगेंद्र सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है और साक्ष्य के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। |