राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य सरकार की ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के सुझाव पर कहा कि केंद्र से राशि मिलनी तो दूर, केंद्रीय मंत्री उनसे मिलने का समय तक नहीं देते।
उनके अनुसार, केंद्रीय पंचायती राज मंत्री से मिलने के लिए वह एक वर्ष से समय मांग रही हैं, लेकिन उन्हें समय नहीं मिल रहा है। बार-बार अनुरोध के बाद भी मुलाकात नहीं हो सकी, जबकि किसी राज्य के मंत्री को केंद्र से सम्मन मिलना चाहिए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
बाबूलाल ने 15वें वित्त आयोग की राशि केंद्र से विमुक्त कराने के लिए पदाधिकारियों की टीम के साथ केंद्रीय मंत्री से मिलने का सुझाव दिया था। दीपिका ने कहा कि केंद्रीय मंत्री से मुलाकात नहीं होने पर उनके अधिकारियों ने केंद्रीय पंचायती राज सचिव से मिलकर राशि की विमुक्ति की गुहार लगाई, लेकिन कोई फलाफल नहीं निकला।
उन्होंने 15वें वित्त आयोग की राशि नहीं मिलने के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराने को सदन के बरगलाने की बात कही। कहा, केंद्र के अधिकारी ही शर्त पर शर्त थोप रहे हैं। कभी कहा कि उनकी मांग पोर्टल पर नहीं दिख रहा है तो कभी कुछ और।
केंद्र की सभी शर्ते पूरी करने पर आश्वासन मिला कि शीघ्र ही राज्य को राशि मिल जाएगी, लेकिन अभी तक नहीं मिली। सारी शर्तें पूरी करने के बाद भी वित्तीय वर्ष 2024-25 के 1,385 करोड़ राशि केंद्र सरकार नहीं दे रही है।
केंद्र का सौतेला व्यवहार - राधाकृष्ण किशोर
वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने भी उनकी बातों को समर्थन करते हुए कहा कि भारत सरकार गैर भाजपा की सरकार वाले राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र से याचना नहीं कर रही, अपना हक मांग रही है।
जब कोल कंपनियों के पास एक लाख 36 हजार करोड़ बकाया का मामला उठाया तो केंद्रीय कोयला मंत्री ने टीम भेजने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक टीम नहीं भेजी। विपक्ष केंद्र से यह राशि दिला दे, यह अनुरोध है।
इससे पहले बाबूलाल ने सूचना के माध्यम से सदन में 15वें वित्त आयोग की राशि का मामला उठाते हुए कहा कि उन्हें पता चला है कि केंद्र के सरकार के अधिकारियों ने राज्य को चार-पांच बार पत्र लिखकर आवश्यक अर्हताओं को पूरा करने को कहा है। राज्य सरकार ने लेखा-जोखा भी प्रस्तुत नहीं किया।
राज्य सरकार को अधिकारियों की टीम के साथ केंद्रीय मंत्री से मिलकर इसका समाधान निकालना चाहिए। इधर, स्पीकर रबीन्द्र नाथ महतो ने मामले का पटाक्षेप कराते हुए कहा कि सब मिलाजुलाकर कोई एजेंसी कार्य कर रही है जिसके कारण राज्य की जनता को खामियाजा उठाना पड़ रहा है।
सभी शर्तें पूरी करने पर केंद्र ने लगाई नई शर्त
मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय की ओर से वित्तीय वर्ष 2024-25 में 15वें
वित्त आयोग की राशि करीब 2,700 करोड़ प्राप्त करने के लिए कुछ शर्तें रखी थीं।
इसके तहत 2023-24 की हस्तांतरित राशि का जीटीसी (ग्रांट ट्रांसफर सर्टिफिकेट) पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार को भेजना था। यह 2024-25 के लिए था। इसके अलावा वर्ष 2024-25 का अनुदान प्राप्त करने के लिए स्टेट फाइनांस कमीशन का गठन किया जाना था।
इस मद की राशि पंचायतों को हस्तांतरित करते हुए जीटीसी उपलब्ध कराना था। इन सभी शर्तों को पूरा करने के बाद भी मंत्रालय ने नई शर्तें लगा दी गई। 14वें वित्त आयोग मद की शेष राशि को 15वें वित्त आयोग मद की प्राप्त होने वाली राशि से 10 प्रतिशत से कम होने की शर्त रखी गई, जिसका कोई औचित्य नहीं था।
राशि पंचायतों के खाते में थी। झारखंड सरकार ने अनुरोध कर ई-ग्राम स्वराज पोर्टल को खुलवाया और पुराने लायबिलिटी का विकल्प खुलवाते हुए राशि को 10 प्रतिशत से नीचे लाने का भी काम पूरा किया, फिर भी राशि नहीं मिली।
प्रधानमंत्री आवास योजना में भी दिलाएं दो लाख
राज्य सरकार की मंत्री दीपिका पांडेय ने नेता प्रतिपक्ष से अबुआ आवास योजना की तरह प्रधानमंत्री आवास योजना में भी केंद्र से दो लाख दिलाने का अनुरोध किया।
इस पर बाबूलाल ने कहा कि अबुआ आवास योजना राज्य सरकार की घोषणा थी। राज्य सरकार अपनी घोषणा को केंद्र के मत्थे न मढें। |