खोराबार टाउनशिप–मेडिसिटी परियोजना का मामला। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। खोराबार टाउनशिप एवं मेडिसिटी परियोजना को गति देने के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। परियोजना क्षेत्र की भूमि को करीब डेढ़ दशक पूर्व प्राधिकरण ने अधिगृहीत किया था। लेकिन, अभी भी 11,420 वर्ग मीटर भूमि का अधिग्रहण नहीं हो सका है। इस वजह से कई स्थानों पर टिन शेड और चहारदीवारी जैसे छिटपुट निर्माण विकास में बाधा बन रहे हैं। अब जीडीए ने टाउनशिप परियोजना के लिए अनिवार्य भूमि अर्जन के तहत इस भूमि काे वापस लेने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
प्राधिकरण ने उप जिलाधिकारी (सदर) को पत्र भेजकर खोराबार और जंगल सिकरी के प्रभावित गाटों का सीमांकन कराने के लिए तिथि निर्धारित करने का अनुरोध किया है। सीमांकन के दौरान जीडीए के कर्मचारी और तहसील स्टाफ संयुक्त रूप से मौजूद रहेंगे, ताकि जमीनी स्थिति स्पष्ट रूप से दर्ज की जा सके और अधिग्रहण प्रक्रिया में कोई भ्रम न रहे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जीडीए ने पहले काश्तकारों से समझौता करके भूमि खरीदने की कोशिश की थी, लेकिन सहमति न बनने के कारण अब अनिवार्य अधिग्रहण ही एकमात्र विकल्प बचा है। पिछले दिनों जीडीए बोर्ड की बैठक में भी अनिवार्य भूमि अधिग्रहण के प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है। इससे परियोजना आगे बढ़ाने के लिए प्राधिकरण को प्रशासनिक समर्थन मिल गया है। जीडीए का कहना है कि सीमांकन पूरा होते ही अधिग्रहण और विकास कार्य तेज गति से आगे बढ़ाए जाएंगे।
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन ने बताया कि परियोजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए भूमि अधिग्रहण अनिवार्य है और एसडीएम सदर को पैमाइश के लिए पत्र भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि आवश्यक विभागीय अधिकारियों को भी कार्रवाई के लिए निर्देशित कर दिया गया है।
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इन गाटों में इतनी भूमि होगी अधिगृहीत
- खोराबार- गाटा 869, 470, 892, 847 में 2020 वर्ग मीटर
- जंगल सिकरी- गाटा संख्या 754, 756, 757, 758 में 1870 वर्ग मीटर
- गाटा संख्या 749, 750, 751,752, 753 में- 3980 वर्ग मीटर
- गाटा संख्या 668, 692, 694, 698, 877, 740, 671, 672, 673 और 698 में- 3250 वर्ग मीटर
- गाटा संख्या 840 में 320 वर्ग मीटर
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