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ड्रेन नंबर-6 में गिराया जा रहा गंदा पानी। जागरण
नंदकिशोर भारद्वाज, सोनीपत। ड्रेन नंबर-6 व 8 के जरिये फैक्ट्रियों का दूषित पानी Yamuma को Polluted कर रहा है। बड़ी औद्योगिक क्षेत्र के CETP का प्रदूषित पानी ड्रेन नंबर-6 में डालने पर हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हरियाणा राज्य आधारभूत संरचना विकास निगम को नोटिस जारी किया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने अक्टूबर में बड़ी औद्योगिक क्षेत्र के सीईटीपी व जहां पानी ड्रेन में गिर रहा था, वहां से से पानी के सैंपल लिए थे। नवंबर में आई जांच रिपोर्ट में दो सैंपल फेल मिले थे।
अब 9 दिसंबर को बोर्ड ने सीईटीपी का संचालन कर रहे HSIIDC को नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांगा है। जवाब संतुष्टिपूर्ण नहीं होने पर पर्यावरणीय क्षति के लिए हर्जाना और प्रदूषण फैलाने के जिम्मेदार अधिकारियों पर एफआईआर की चेतावनी दी गई है।
बड़ी औद्योगिक क्षेत्र की फैक्ट्रियों का दूषित पानी ड्रेन नंबर छह में गिरता है। यही दूषित पानी आगे जाकर ड्रेन नंबर आठ में मिल जाता है। गांव दहीसरा के पास जाकर ड्रेन आठ का पानी यमुना में मिल जाता है।
प्रदूषण का मामला गरम होने के बाद हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 24 अक्टूबर को बड़ी औद्योगिक क्षेत्र में चल रहे सीईटीपी का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान वहां पर 10 और 16 एमएलडी के सीईटीपी से पानी के सैंपल लिए गए थे।
बोर्ड के अधिकारियों ने पाया कि 16 एमएलडी के इनलेट पर फैक्ट्रियों से आने वाले दूषित पानी का स्तर जीरो मिला, लेकिन जब इस सीईटीपी के निकास बिंदु जो गांव भोगीपुर में ड्रेन नंबर छह पर था, में पूरे प्रेशर से पानी गिर रहा था।
तब अधिकारियों ने शक जाहिर किया था कि फैक्ट्रियों से आने वाले पानी को बाइपास कर बिना शोधित किए सीधे ड्रेन नंबर छह में डाला जा रहा है। नवंबर में सैंपल रिपोर्ट में 16 एमएलडी के सीईटीपी और गांव भाेगीपुर में ड्रेन नंबर छह से लिए गए पानी के सैंपल फेल हो गए। दोनों जगह पानी में प्रदूषण फैलाने वाले तत्व मानकों से अधिक मिले थे।
हरियाणा राज्य प्रदूषण बोर्ड ने नौ दिसंबर को बड़ी औद्योगिक क्षेत्र में सीईटीपी संचालित कर रहे एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांगा है। नोटिस में संतुष्टिपूर्ण जवाब न होने पर पर्यावरणीय क्षति के लिए निगम पर भारी मात्रा में हर्जाना लगाए जाने की चेतावनी दी गई है। वहीं नियमों के अनुसार सीईटीपी का संचालन न करने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ केस तक दर्ज कराने के लिए लिखा गया है।
पहले भी लगाया जा चुका है ढाई करोड़ रुपये जुर्माना
बड़ी औद्योगिक क्षेत्र में सीईटीपी संचालित कर रहे एचएसआईआईडीसी पर पहले की मानकों का पालन न करने और पर्यावणीय क्षति के लिए 2.52 करोड़ रुपये का हर्जाना लगाया जा चुका है, लेकिन निगम के अधिकारियों ने अब तक इसे जमा नहीं कराया है। निगम पर हर्जाना 2022, 2024 और 2025 में लगाया है।
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एचएसआईआईडीसी के सीईटीपी और भोगीपुर में ड्रेन छह से लिए गए सैंपल फेल मिले थे। वहां पानी में प्रदूषण के तत्व तय मानकों से अधिक थे। अब एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांगा है। विभाग पर भारी हर्जाना व जिम्मेदार अधिकारियों पर एफआईआर तक कराई जा सकती है।
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- अजय कुमार मलिक, आरओ, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सोनीपत |
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