सत्यम कुमार सिंह, झाझा (जमुई)। दानापुर डिवीजन के अंतिम छोर पर स्थित अंग्रेजी जमाने का झाझा रेलवे स्टेशन भले ही वर्तमान में कई समस्याओं से जूझ रहा हो, लेकिन आने वाले दिनों में झाझा के लिए यह समय बेहद सुखद और विकासकारी होने वाला है। झाझा-बटिया रेलखंड के लिए भूमि अधिग्रहण कार्य पहले से जारी है और अब झाझा-किऊल रेलखंड की तीसरी और चौथी लाइन के विस्तार को लेकर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इन दोनों रेलखंडों के विस्तार से झाझा के लोगों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा। झाझा रेलवे स्टेशन रेलवे मानचित्र पर एक बड़े जंक्शन के रूप में विकसित हो जाएगा। दानापुर मंडल की कई ट्रेनों के ठहराव और रखरखाव कार्य की संभावना भी यहां बढ़ेगी, क्योंकि रेलवे के पास झाझा में पर्याप्त भूमि उपलब्ध है।
झाझा-किऊल रेलखंड पर तीसरी-चौथी लाइन के विस्तार से इस खंड के अधिकांश रेलवे स्टेशनों के भवनों के टूटने की संभावना है। इस स्थिति को देखते हुए गिद्धौर और मननपुर रेलवे स्टेशनों पर नए भवनों के निर्माण कार्य की शुरुआत कर दी गई है। दोनों स्टेशनों के नए भवन उन स्थानों पर बनाए जा रहे हैं जो चार लाइनों की सीमा से बाहर हैं।
गिद्धौर स्टेशन पर निर्माण कार्य तेज गति से जारी है। इसके अलावा अन्य भवन, पुल, अंडरपास और पुलियों का भी कायाकल्प किया जाएगा। नए भवन तैयार होने के बाद पुराने भवनों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस रेलखंड के विस्तार पर कुल 903 करोड़ रुपये खर्च होने हैं, जिसकी स्वीकृति अंतिम चरण में है।
बताया जाता है कि झाझा-किऊल रेलखंड की लंबाई 54 किलोमीटर है। वर्तमान में इसकी चौड़ाई 21 मीटर है, जिसे बढ़ाकर 42 मीटर किया जाएगा। रेलवे ट्रैक के विस्तार में झाझा रेलवे स्टेशन को छोड़कर लगभग सभी स्टेशन तीसरी-चौथी लाइन की सीमा में आ रहे हैं। रेलवे सूत्रों के अनुसार, कार्य तेज गति से आगे बढ़ रहा है।
भूमि अधिग्रहण की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी को दी गई है, जिसने काम शुरू कर दिया है। इसी के साथ तीसरी लाइन का निर्माण भी प्रारंभ हो गया है। रेलवे ने इस परियोजना की शुरुआत पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से की है, जिसकी मंजूरी पुनारख रेलवे स्टेशन तक मिल चुकी है।
रेल यात्रा सुगम करने और मालगाड़ियों की आवाजाही बढ़ाने के लिए उठाए जा रहे कदम
रेल यात्रा को सुगम बनाने और मालगाड़ियों की आवाजाही को निर्बाध रखने के उद्देश्य से पूर्व मध्य रेल आधारभूत संरचना के विस्तार पर तेजी से कार्य कर रही है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से झाझा तक तीसरी और चौथी लाइन का निर्माण इसी महत्वाकांक्षी परियोजना का हिस्सा है। इससे औद्योगिकीकरण को गति मिलेगी और विकसित बिहार की परिकल्पना को मजबूती मिलेगी।
करीब 17 हजार करोड़ रुपये की लागत से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से झाझा के बीच लगभग 400 किलोमीटर लंबी तीसरी-चौथी लाइन का निर्माण होना है।
प्रथम चरण में बख्तियारपुर-फतुहा (24 किमी) और बख्तियारपुर-पुनारख (30 किमी) खंडों को रेलवे बोर्ड से स्वीकृति मिल चुकी है। पुनारख-किऊल पर 2514 करोड़ और किऊल-झाझा पर 903 करोड़ की अनुमानित लागत वाले हिस्सों की स्वीकृति प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
झाझा-किऊल रेलखंड की तीसरी और चौथी लाइन के विस्तार पर 903 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। स्वीकृति जल्द मिलने की उम्मीद है। - सरस्वती चंद्र, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, हाजीपुर
विस्तार कार्य को ध्यान में रखकर गिद्धौर सहित अन्य स्टेशनों पर नए भवनों का निर्माण शुरू कर दिया गया है। भूमि अधिग्रहण का कार्य अलग टीम कर रही है। - ओम प्रकाश, आइओडब्ल्यू, झाझा |