ठंड में रखें सेहत का ख्याल। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, छपरा। छपरा में मौसम ने अचानक करवट बदल ली है। पिछले दो दिनों से लगातार गिरते तापमान और घने कोहरे ने लोगों की दिनचर्या पर गहरा असर डालना शुरू कर दिया है।
बुधवार की सुबह तो कोहरे की मोटी चादर के बीच शहर देर तक सुस्त पड़ा रहा। सुबह 10 बजे तक आसमान में धुंध की परत छाई रही और सूरज की किरणें भी कोहरे से जूझती दिखीं। तापमान में गिरावट और बादलों की मौजूदगी ने ठंड को और तीखा कर दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
ठंड बढ़ी,अस्पतालों में बढ़े मरीज
ठंड का असर सबसे पहले लोगों के स्वास्थ्य पर दिखाई दे रहा है। सदर अस्पताल में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। पिछले 10 दिनों में 8675 मरीज पहुंचे, जिनमें 4062 को मेडिसिन विभाग में भेजा गया।
चिकित्सकों के अनुसार इनमें लगभग 45 प्रतिशत मरीज सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित हैं। मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि पछुआ हवा छह से 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही है, जिससे सुबह–शाम की ठिठुरन और बढ़ गई है।
छात्र-छात्राओं व यात्रियों को हुई परेशानी
कोहरे और ठंड का सीधा असर शहर में आवाजाही पर भी दिखा। सुबह-सुबह स्कूल और कोचिंग के लिए निकलने वाले छात्रों को कम विजिबिलिटी और ठंड के कारण कठिनाई झेलनी पड़ी। बस अड्डे पर भी स्थिति यही रही। पटना,सिवान, आरा, मुजफ्फरपुर,मशरक व मढ़ौरा रूट की बसों में अन्य दिनों की तुलना में काफी कम यात्री दिखे। बुधवार की सुबह बस स्टैंड लगभग सूना पड़ा रहा।
हाइवे पर वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक
कोहरे के कारण ट्रेनों के साथ-साथ सड़कों पर वाहनों की गति भी काफी धीमी रही। जिले से गुजरने वाले प्रमुख हाइवे पर विजिबिलिटी बेहद कम रही, जिसके कारण गाड़ियाँ रेंगती हुई नजर आईं। खासकर सुबह और शाम के समय स्थिति और अधिक जटिल रही। मौसम विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटों में अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 11.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
बुजुर्गों व बच्चों की सेहत पर असर
तापमान गिरते ही बुजुर्गों और छोटे बच्चों पर ठंड का असर अधिक देखा जा रहा है। बच्चों में सर्दी, खांसी, बुखार और कोल्ड डायरिया के मामले बढ़ने लगे हैं। दूसरी ओर, सुबह के समय गृहिणियों को भी घरेलू कार्यों में काफी कठिनाई हो रही है। शहर के चौक-चौराहों पर आम दिनों की चहल-पहल नहीं दिख रही।ट्रेनों की लेटलतीफी भी यात्रियों की परेशानी बढ़ा रही है। प्लेटफार्म पर घंटों इंतजार के दौरान लोग ठंड से कांपते नजर आते हैं। मौसम विभाग का अनुमान है कि आने वाले दिनों में कोहरा और ठंड दोनों में और बढ़ोतरी हो सकती है।
सारण में एक-11 दिसंबर तक कितना तापमान का ब्योरा
दिनांक अधिकतम तापमान (°C) न्यूनतम तापमान (°C)
01 दिसंबर
26.3
16.6
02 दिसंबर
25.7
14.6
03 दिसंबर
25.9
14.0
04 दिसंबर
25.8
14.6
05 दिसंबर
25.0
13.0
06 दिसंबर
24.9
13.0
07 दिसंबर
24.4
11.8
08 दिसंबर
23.1
14.1
09 दिसंबर
23.1
13.1
10 दिसंबर
23.1
10.2
11 दिसंबर (संभावित)
22.9
10.0
एक से 11 दिसंबर तक हवा की रफ्तार का ब्योरा
दिनांक औसत हवा की रफ्तार (मील प्रति घंटा) औसत हवा की रफ्तार (किलोमीटर प्रति घंटा)
01 दिसंबर
4.6
7.4
02 दिसंबर
4.6
7.4
03 दिसंबर
4.6
7.4
04 दिसंबर
4.7
7.6
05 दिसंबर
4.7
7.6
06 दिसंबर
4.7
7.6
07 दिसंबर
4.7
7.6
08 दिसंबर
4.8
7.7
09 दिसंबर
4.8
7.7
10 दिसंबर
4.8
7.7
11 दिसंबर (संभावित)
4.8
7.7
सदर अस्पताल में एक-10 दिसंबर 25 तक कितना मरीजों का हुआ उपचार
दिनांक ओपीडी में निबंधन मेडिसिन विभाग
01 दिसंबर
1010
495
02 दिसंबर
820
398
03 दिसंबर
975
455
04 दिसंबर
820
318
05 दिसंबर
996
492
06 दिसंबर
876
415
07 दिसंबर
—
—
08 दिसंबर
1195
648
09 दिसंबर
987
389
10 दिसंबर
996
452
कुल
8675
4062
ठंड में नवजात बच्चे को कैसे रखें
-नवजात को हमेशा लेयर वाले हल्के और गर्म कपड़े पहनाएं।
- सिर, कान, हाथ और पैर को जरूर ढककर रखें।
-कमरे का तापमान 24–26 डिग्री के आसपास संतुलित रखें।
-ठंडी हवा सीधे बच्चे पर बिल्कुल न लगने दें।
-नहाने का पानी गुनगुना रखें और ठंडी जगह पर न नहलाएं।
-नहाने या साफ करने के बाद तुरंत कपड़े और गर्माहट दें।
-स्तनपान नियमित कराते रहें ताकि शरीर गर्म और मजबूत रहे।
-बच्चे को बहुत ज्यादा कपड़े या कंबल में न लपेटें।
-दिन में हल्की धूप में पांच-10 मिनट जरूर बैठाएं।
- खांसी, जुकाम या बुखार के हल्के लक्षण दिखें तो तुरंत डाक्टर को दिखाएं।
ठंड में बुजुर्गों व हृदय रोगियों की देखभाल
-बुजुर्गों को हमेशा गर्म कपड़े पहनाएँ और शरीर को अच्छी तरह ढका रखें।
-घर के कमरे में हल्की गर्माहट बनाए रखें, लेकिन बंद कमरों में धुआं न होने दें।
-सुबह-शाम बाहर निकलने से पहले गर्म कपड़े व मफलर जरूर पहनाएँ।
-भोजन में गर्म तरल पदार्थ जैसे सूप, काढ़ा या हल्का गर्म पानी शामिल करें।
-सर्द मौसम में अत्यधिक ठंडे स्थान या तेज हवा में अधिक देर न रुकने दें।
-हल्की-फुल्की नियमित वाक घर के अंदर या धूप में कराएं।
-तनाव से बचाएं क्योंकि ठंड में यह हृदय पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है।
-चिकित्सा द्वारा बताई दवाइयां समय पर दें और उन्हें मिस न होने दें।
-शरीर को गर्म रखने के लिए सिर, पैर और कान अच्छी तरह ढंके रखें।
-सांस फूलना, सीने में दर्द या अत्यधिक ठंड महसूस हो तो तुरंत चिकित्सकीय मदद लें। |