खानपान और दिनचर्या नियमित रखने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि अस्पताल जाने से बचा जा सके।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। शीत ऋतु में कई तरह की बीमारियां होती है। खासकर बीपी और शुगर की समस्या तथा उनसे उत्पन्न पक्षाघात(पैरालाइसिस), ह्रदयघात (हार्ट अटैक) की संभावना अधिक होती है। ऐसे में अपने खानपान और दिनचर्या नियमित करने की आवश्यकता होती है। लापरवाही करने पर अस्पताल के चक्कर काटने पर सकते है। आवश्यकता है कि हम अपना आहार-बिहार समुचित रखें और परेशानियों से बचें। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘हेलो जागरण’ में बुधवार को सर सुंदरलाल अस्पताल बीएचयू आयुर्वेद संकाय के सिद्धांत दर्शन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. चंद्रशेखर पांडेय ने पाठकों से बात की। उन्होंने गुर्दे बीमारी के शुरुआती लक्षण, गुर्दे को स्वस्थ रखने के लिए खाद्य पदार्थ और जीवनशैली, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के कारण किडनी की बीमारी, गुर्दे की जांच, किडनी फंक्शन टेस्ट आदि संबंधित जानकारी दी। साथ ही बचाव और उपचार के बारे में भी उठ रही जिज्ञासा को भी शांत किया।
बीपी की समस्या कभी-कभी बढ़ जाती है क्या करें। बृजेश कुमार (अर्दली बाजार)
- अश्वगंधा चूर्ण तीन ग्राम और ब्राह्मीचूर्ण दो ग्राम सुबह और शाम पानी के साथ ले सकते हैं। पुष्कर ब्राह्मी गुगुल दो गोली सुबह और शाम ले सकते है। इससे काफी हद तक आपको आराम मिल जाएगा।
शुगर की समस्या बढ़ रही है तो क्या करें। सेनापति ओझा (लंका)
- किसी भी सरकारी अस्पताल या बीएचयू दोनों जगह शुगर की जांच करा सकते हैं। विशेषज्ञ डाक्टर से परामर्श लेकर ही इलाज कराएं।
धात की समस्या हो रही है। कमर में दर्द और खुजली की समस्या है। किरण शुक्ला (चितईपुर)
- कमर का दर्द शीत लगने की वजह से हुआ है। इसमें सेकाई की आवश्यकता है। धात के लिए चंद्रप्रभावटी दो-दो गोली सुबह-शाम ले। पैर की खुजली के लिए कैशोरगुगुल दो गोली दो बार लें।
गुर्दे की शिकायत हो रही है क्या करें। अमित (राजातालाब)
- गुर्दे की बीमारी के दो प्रमुख वर्ग हैं। एक ग्रुप बिना शुगर और दूसरा शुगर के कारण है। बिना शुगर वाले ग्रुप में आटोइम्यून रोगों के कारण उत्पन्न होने वाले बीमारियां और दूसरे में शुगर की अधिकता के कारण होने वाली किडनी की खराबियां सम्मिलित हैं। इनसे बचाव के लिए समुचित और शुद्ध आहार-बिहार। साथ ही पर्याप्त मात्रा में शुद्ध जल, अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए नियमित व्यायाम, गिलोय, पुनर्नवा, हरिद्रा, अश्वगंधा आदि औषधियों का समुचित सेवन करें। शुगर होने पर उसको संतुलित रखें और चिकित्सक की समय-समय पर सलाह लेते रहें।
सर्दी के मौसम में जोड़ों का दर्द शुरू हो गया है क्या करें। सुमित (दुर्गाकुंड)
- शीत से बचने की आवश्यकता है। गर्म पानी से स्नान करें और गर्म पानी का सेवन करें। सीधी ठंडी हवा से बचना चाहिए। शाम को दूध में हल्दी और सोंठ का सेवन करें। नियमित तेल मालिश करें। औषधियों में योगराज गुगुल दो गोली दो बार और महारास्नादि क्वाथ 15 एमएल दो बार सेवन करें। जाड़े में अग्नि तीब्र होती है। ऐसे में आलू, मटर, मूली आदि का सेवन भी अधिक हो जाता है, अत: शुगर के रोगियों को तथा जिनका यूरिक एसिड बढ़ा हो, ऐसे रोगियों को खानपान में सावधानी का आवश्यकता है। व्यायाम आवश्यक है पर अपने बल के आधे से अधिक व्यायाम नहीं करना चाहिए।
मुझे ह्रदय रोग की समस्या है क्या सावधानी बरतें? राकेश (पिंडरा)
- ह्रदय रोगियों को शीत ऋतु में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। सीधी ठंडी हवा तथा ठंडे पेय पदार्थों का सेवन न करें। स्नान गर्म पानी से करें। साथ ही सुबह-शाम एक गिलास गर्म पानी का सेवन जरूर करें। शुगर संतुलित रखें और चिकित्सक द्वारा बताई गई दवाओं का सेवन नियमित करें। सामान्य रूप से पुष्करबह्मीगुगुल दो गोली दो बार लेते रहें।
सामान्य पेट की बीमारी में यह करें
पेट की सामान्य समस्याओं में रात को सोते समय हरण एक चम्मच गुनगुने पानी से लें। वहीं सौंप दो चम्मच, जीरा एक चम्मच, अजवाइन एक चम्मच और मेथी आधा चम्मच को उबालकर काला नमक और नीबू डालकर स्वाद के अनुसार पी लें। |