Saphala Ekadashi 2025 Date: 14 या 15 दिसंबर, कब है सफला एकादशी? नोट करें तिथि और शुभ मुहूर्त

LHC0088 2025-12-10 18:07:41 views 178
  

Saphala Ekadashi 2025: कब करें सफला एकादशी व्रत का पारण?



धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही सभी पापों से मुक्ति पाने के लिए व्रत भी किया जाता है। वैदिक पंचाग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी (Saphala Ekadashi 2025) के नाम से जाना जाता है। इस व्रत को करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सफला एकादशी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Saphala Ekadashi 2025 Date and Shubh Muhurat)


वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 14 दिसंबर को रात 08 बजकर 46 मिनट पर हो रही है। वहीं, इस तिथि का समापन 15 दिसंबर को रात 10 बजकर 09 मिनट पर हो रहा है। ऐसे में 15 दिसंबर को सफला एकादशी व्रत किया जाएगा और व्रत का पारण अगले दिन 16 दिसंबर को किया जाएगा।

  
सफला एकादशी पारण डेट और टाइम (Saphala Ekadashi Paran Date and Time)


एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर किया जाता है। 16 दिसंबर को व्रत का पारण करने का समय सुबह 06 बजकर 55 मिनट 09 बजकर 03 मिनट तक है।
जरूर करें इन चीजों का दान


एकादशी के दिन दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करें और मंदिर या फिर गरीब लोगों में अन्न-धन समेत आदि चीजों का दान करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, एकादशी के दिन दान करने से धन लाभ के योग बनते हैं और साधक को जीवन में कोई कमी नहीं होती है।
सफला एकादशी पूजा सामग्री लिस्ट (Saphala Ekadashi Puja Samagri List)

  • दीपक
  • पीला कपड़ा
  • फूल
  • कुमकुम
  • पंचमेवा
  • अक्षत
  • फल
  • मिठाई
  • चौकी
  • धूप
  • आम के पत्ते
  • भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा
  • तुलसी के पत्ते

व्रत के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

  • एकादशी व्रत के दौरान नियम का पालन जरूर करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि व्रत से जुड़े नियम का पालन न करने से साधक अशुभ फल की प्राप्ति से वंचित रहता है।
  • व्रत के दिन तामसिक भोजन का सेवन न करें।
  • साथ ही किसी से वाद-विवाद न करें।
  • किसी के बारे में गलत न सोचें।
  • तुलसी के पत्ते न तोड़ें।
  • एकादशी के दिन तुलसी के पौधे में जल देने की मनाही है।
  • भगवान विष्णु के भोग में तुलसी के पत्ते जरूर शामिल करें।


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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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