ओडिशा साइबर अपराध
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा में पिछले 16 महीनों में साइबर ठगों ने 222 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सोमवार को विधानसभा में लिखित जवाब में यह जानकारी दी थी। सदन में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में ऑनलाइन धोखाधड़ी से कुल 222,09,78,647 की ठगी हुई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस पर पूर्व ओडिशा डीजीपी विजय कुमार शर्मा ने अपने एक्स हैंडल पर बताया कि पुलिस अब तक केवल लगभग 7 करोड़ रुपये ही वापस करा पाई है, जो कुल ठगी का लगभग 3 प्रतिशत है।
61.36 लाख की राशि लौटाई गई
उन्होंने कहा है कि विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, अब तक पीड़ितों को करीब 61.36 लाख की राशि लौटाई गई है, जबकि 6,74,09,434 रुपये से जुड़े बैंक खातों को जांच के दौरान फ्रीज किया गया है।शर्मा ने कहा कि पीड़ितों को उनका पैसा वापस मिलना बेहद जरूरी है।
उन्होंने लिखा है कि अगर पीड़ितों को पैसे नहीं मिलेंगे तो वे सिस्टम पर भरोसा खो देंगे।उन्होंने कम रिकवरी का एक कारण पीड़ितों द्वारा देर से शिकायत दर्ज कराना और जांच की गुणवत्ता में सुधार की आवश्यकता को भी बताया।
साइबर फॉरेंसिक प्रयोगशालाएं स्थापित करने का निर्णय
इस बीच, ओडिशा पुलिस ने राज्य के सभी 34 साइबर क्राइम थानों में साइबर फॉरेंसिक प्रयोगशालाएं स्थापित करने का निर्णय लिया है।रिपोर्ट के अनुसार, प्रस्तावित लैब इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के विश्लेषण, डिलीट किए गए डेटा की रिकवरी और डिजिटल फुटप्रिंट ट्रेस करने की उन्नत तकनीक से लैस होंगी।
भुवनेश्वर स्थित सीआईडी-सीबी के साइबर कॉम्प्लेक्स में एक केंद्रीय साइबर फॉरेंसिक लैब भी बनाई जाएगी, जिसमें हाई-एंड फॉरेंसिक टूल्स और सर्वर लगाए जाएंगे।वहीं, थाना-स्तरीय प्रयोगशालाओं में दैनिक जांच के लिए आवश्यक हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर उपलब्ध रहेंगे।
170 साइबर विशेषज्ञों की नियुक्ति
सरकार ने इस पहल को मजबूत करने के लिए 170 साइबर विशेषज्ञों की नियुक्ति को मंजूरी दी है, जो फॉरेंसिक, डिजिटल जांच, साइबर वित्तीय विश्लेषण और सूचना प्रौद्योगिकी के विशेषज्ञ होंगे। इन्हें राज्य के 34 साइबर थानों में तैनात किया जाएगा।
सदन में बताया गया कि साइबर धोखाधड़ी से जुड़े मामलों में अब तक 727 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और 104 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। |