दिल्ली में लाल किले के पास हुआ था अटैक (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। दिल्ली के लाल किला के पास हुए आतंकी हमले में लिप्त सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल में शामिल आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग व कुलगाम के जंगलों में हथियार चलाने, आइईडी लगाने और ड्रोन के संचालन की ट्रेनिंग ली थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मंगलवार को अनंतनाग और कुलगाम में कुछ जगहों पर छापेमारी की। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सूत्रों के अनुसार, एनआइए की टीम के साथ आतंकी डा. अदील राथर और उसका साथी जासिर बिलाल भी थे। हालांकि देर रात तक एनआइए ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
संबंधित सूत्रों ने बताया एनआइए की टीम अदील राथर और जासिर बिलाल वानी को अनंतनाग में मट्टन के ऊपरी भाग में एक व्यक्ति विशेष के घर और हातमुरा के जंगल में लेकर गई।
इसके अलावा एनआइए की टीम उन्हें लेकर काजीगुंड (कुलगाम) के साथ सटी एक पहाड़ी पर भी गई। हालांकि अधिकारिक स्तर पर पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन बताया जा रहा है कि अदील और जासिर ने उन जगहों की निशानदेही की है, जहां वह आतंकियों और उनके कुछ ओवरग्राउंड वर्करों से मिले थे।
इसके अलावा उन्होंने वह जगह भी दिखाई, जहां कथित तौर पर उन्होंने आतंकी हमले के लिए ड्रोन के संचालन के साथ हथियार चलाने व आइईडी तैयार कर उसे किसी जगह लगाने का अभ्यास किया था। सूत्रों ने बताया कि एनआइए की टीम ने अदील और जासिर की निशानदेही पर कुछ उपकरण और अन्य सामान भी बरामद किया है, जिसकी जांच की जाएगी।
अदील का भाई फरार, अफगानिस्तान में छिपे होने की सूचना
डॉ. अदील राथर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मेरठ के सहारनपुर से गिरफ्तार किया था। उसकी निशानदेही पर ही गत माह अनंतनाग स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कालेज (जीएमसी) अस्पताल के एक लाकर से एसाल्ट राइफल बरामद हुई थी। अदील का बड़ा भाई मुजफ्फर फरार है और उसके अफगानिस्तान में छिपे होने की संभावना है। जासिर बिलाल और अदील दोनों पड़ोसी हैं।
जासिर के पिता ने उसके आतंकी बनने पर की ली थी आत्महत्या
बताया जाता है कि जासिर भी आत्मघाती हमलावर बनने को तैयार हो गया था, लेकिन बाद में पीछे हट गया। उसने कथित तौर पर विस्फोटक तैयार करने, ड्रोन व राकेट से आतंकी हमले करने की योजना तैयार करने का प्रयास किया था, लेकिन अभ्यास के दौरान यह पूरी तरह सफल नहीं हुआ। जासिर बिलाल के पिता ने उसके आतंकी बनने से हताश होकर 16 नवंबर को आत्महत्या कर ली थी। |